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हिन्दू विरोधी शक्तियों के दबाव में आकर हिन्दुओं की आवाज दबाने का ‘फेसबुक’ का षड्यंत्र – टी. राजासिंह

अनेक प्रक्षोभक भाषण देनेवाला और आतंकवाद को बढावा देनेवाले जाकीर नाईक, 15 मिनिट में 100 करोड हिन्दुओं को नष्ट करने की भाषा करनेवाले ‘एम्.आय्.एम्.’ के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी जैसे अनेक देशविरोधी उग्रवादी संगठन और व्यक्तियों के ‘फेसबुक अकाउंटस्’ धडल्ले से चल रहे हैं; परंतु राष्ट्र, धर्म और समाज हित के लिए ही सोशल मीडिया का उपयोग करनेवाले मेरे जैसे हिन्दू नेता एवं हिन्दू धर्म और राष्ट्र के प्रति जनजागृति करनेवाले संगठनों के ‘फेसबुक पेजेस्’ पर प्रतिबंध लगाकर हिन्दुओं की आवाज दबाने का फेसबुक का षड्यंत्र है । यह सब उसके हिन्दू विरोधी शक्तियों के दबाव में आने से हो रहा है । ‘फेसबुक’ यह ध्यान रखे कि अब उस पर भी कानूनन कार्यवाही हो सकती है, ऐसा स्पष्ट प्रतिपादन तेलंगाना के भाजपा के हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक श्री. टी. राजासिंह ने किया । वे हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘फेसबुक का पक्षपात : हिन्दुओं के ‘पेज’ बंद, आतंकियों के चालू !’ इस विशेष परिसंवाद में बोल रहे थे । ‘यू-ट्यूब’ और ‘फेसबुक’ के माध्यम से यह कार्यक्रम 28,634 लोगों ने देखा और 54546 तक यह पहुंचा ।

‘सुदर्शन न्यूज’ इस समाचारवाहिनी के मुख्य संपादक श्री. सुरेश चव्हाण के बोले, ‘करोडों लोगों से जुडे ‘सुदर्शन न्यूज’ और मेरा अपना ‘फेसबुक पेज’ कुछ महीनों पूर्व बंद कर दिया गया । देश ‘डिजिटल इंडिया’ होगा; परंतु यदि ‘डिजिटल हिन्दुस्थान’ समाप्त न करना हो, तो भारत का अपना निजी सोशल मीडिया नेटवर्क होना चाहिए । यह ध्यान रहे कि फेसबुक यदि ऐसे ही हिन्दुओं के ‘फेसबुक पेजेस्’ बंद करेगा, तो देशप्रेमी हिन्दू इस देश से ‘फेसबुक’को बहिष्कृत कर देंगे ।  सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता और ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टीस’के प्रवक्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन बोले, ‘जानकारी-तंत्रज्ञान कानून की धारा 66 के अनुसार ‘फेसबुक’ द्वारा राष्ट्रहित के लिए कार्य करनेवालों के ‘फेसबुक अकाउंटस्’ बंद कर एक प्रकार से ‘सायबर आतंकवाद’ का ही आरंभ हुआ है । ‘फेसबुक’ के इस आतंकवाद के विरोध में देशभर में किसी भी न्यायायालय में याचिका प्रविष्ट की जा सकती हैं । ‘फेसबुक’ ने सनातन संस्था, टी. राजसिंह के ‘फेसबुक पेजेस्’ बंद कर लाखों लोगों की आवाज बंद की है । अब केंद्र सरकार को ‘फेसबुक’ पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए ।’

‘सोशल मीडिया’ के अभ्यासक श्री. अभिनव खरे बोले, ‘हाल ही में केंद्र सरकार ने चीन के अनेक एपस् पर प्रतिबंध लगाया है, वैसा ही ट्वीटर और फेसबुक के साथ भी हो सकता है, यह भय उनमें निर्माण होना चाहिए । यदि इन सामाजिक माध्यमों को भारत में काम करना हो, तो हमारे बहुसंख्यक लोगों का विचार करना ही होगा ।’ सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस बोले, ‘सनातन संस्था संवैधानिक, कानूनन और सुसंस्कृत भाषा का प्रयोग कर जगभर में अध्यात्मप्रसार का कार्य करनेवाली अग्रणी संस्था है; परंतु ‘फेसबुक’ ने  सनातन संस्था के 5 ‘फेसबुक पेजेस्’ और संस्था के अनेक साधकों के व्यक्तिगत ‘फेसबुक अकाउंट्स’ पर प्रतिबंध लगाया है । इससे यही सिद्ध होता है कि ‘हिन्दू धर्म के प्रसार’ पर फेसबुक को आक्षेप है ।

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