जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा कोई कार्यवाही नहीं
- तमिलनाडु में हिन्दूद्वेषी अण्णाद्रमुक दल की सरकार होने से वहां धर्मांधों को सुरक्षा दी जा रही है, यह ध्यान में रखें !
- क्या अन्य धर्मियों के प्रार्थनास्थलों के निकट हिन्दू कभी वैध स्मशानभूमि बना सकते हैं ?
चेन्नई (तमिलनाडू) – कुछ महीनों पूर्व ईसाई मिशनरियों ने प्राचीन श्री उच्छिष्ट विनयगर मंदिर परिसर के राजागोपुरम के पास ही एक कब्रिस्तान बनाया है । उन्होंने वहां शव गाडना भी आरंभ कर दिया है । कहा जा रहा है कि कुछ समय पश्चात इस स्थान को चर्च में भी बदला जा सकता है । मंदिर परिसर की भूमि पर अवैधरूप से कब्जा किया गया है । मंदिर और कब्रिस्तान में केवल १० मीटर की दूरी है । कब्रिस्तान बनाने के लिए शासन से किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है, तब भी जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा इस संबंध में किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है । इस प्रकरण में भूमि के मालिक गुंडों की सहायता से श्रद्धालुओं को धमका रहे हैं ।
Manimoortheeswara Ganapathy temple Tirunelveli. Temple land used as cemetery. https://t.co/D3QeadI9BM
— Reclaim Temples (@ReclaimTemples) April 7, 2018
१. श्री उच्छिष्ट विनयगर मंदिर ८ एकर क्षेत्र में बसा हुआ एशिया का सबसे बडा विनयगर मंदिर माना जाता है । वर्ष २०१६ में इस मंदिर का नवीनीकरण किया गया था । यह मंदिर तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जंक्शन के पास स्थित थमीरभाराणी नदी के तटपर है, जो २०० वर्ष प्राचीन है । यहां लगभग १५० हिन्दू परिवार निवास कर रहे हैं ।
२. धर्मादाय विभाग के अंतर्गत आनेवाले इस मंदिर में प्रतिदिन पूजा की जाती है । जिन्होंने मंदिर के सामने की ४ सहस्र ३५६ वर्गफीट भूमि खरीद ली है, उसका उपयोग केवल खेती अथवा घर बनाने के लिए ही किया जा सकता है । उसका उपयोग कब्रिस्तान बनाने के लिए नहीं किया जा सकता । इस संदर्भ में धर्मादाय विभाग से शिकायतें करने के पश्चात कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात