उत्तरप्रदेश में शादी के बहाने जबरन धर्मांतरण की बढ़ती संख्या की जाँच के लिए कानपुर पुलिस ने आठ सदस्यीय विशेष जाँच दल (एसआईटी) का गठन किया है। वहीं अब जाँचदल ने लव जिहाद मामले के आरोपित का कथित रूप से फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में एक महिला वकील फातिमा का पता लगाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस को आशंका है कि एडवोकेट फातिमा ने कानपुर और आसपास के अन्य इलाकों से सामने आए कई लव जिहाद मामलों में आरोपितों की मदद की है। पुलिस उसके फ़ोन रिकॉर्ड को खंगाला रहीं है। पुलिस इस महिला एडवोकेट के जरिए लव जिहाद के मास्टरमाइंड तक पहुँचना चाहती है जो कि संगठित अपराध को अंजाम दे रहे हैं।
गौरतलब है कि यह खुलासा कानपुर के लव जिहाद मामले के बाद सामने आया है। जहाँ नौबस्ता मछलियाँ के रहने वाले 32 साल के मुख्तार अहमद ने हिंदू लड़की से राहुल बन कर दोस्ती की थी। 22 वर्षीय लड़की आवास विकास में रहने वाली है। साथ ही वह पॉलिटेक्निक की छात्रा थी। दोस्ती के बाद मुख्तार ने लड़की को झूठे दावे करते हुए अपने प्यार में फँसा लिया और उसे धर्म के प्रति बरगलाने लगा। अहमद ने लड़की का ब्रेनवाश किया और बिना किसी की जानकारी के 17 अप्रैल 2019 को कोर्ट मैरिज कर ली। जिसके बाद यह बात सबसे छिपाते हुए दोनों अपने-अपने घर रहने लगे।
वहीं शादी के बाद लड़की को हाल ही में पता चला कि जिस मुख्तार के प्यार में आकर उसने अपने परिजनों को बिना बताए शादी की थी वह पहले से ही शादीशुदा है और उसके बच्चें भी है। इतना ही नहीं मुख्तार की पहली पत्नी भी दूसरे समुदाय की ही निकली।
पीड़िता के पिता ने घटना की जानकारी पुलिस को देते हुए आरोपित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था। पुलिस की पूछताछ में जब युवक ने अपना असली नाम मुख्तार अहमद बताया तो स्वजनों के होश उड़ गए थे। जब लड़की से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि मुख्तार ने उससे राहुल बनकर दोस्ती की थी। उसने इस तरह से मुझे अपने काबू में कर लिया था कि वह जो कहता मैं करती चली जाती। उसने फिर परिजनों से अपने मरियम फातिमा बनने को लेकर भी खुलासा किया।
वहीं पुलिस को लव जिहाद के इस घिनौने खेल के पीछे पाकिस्तानी संगठन का पता चला है। यह संगठन मुस्लिम युवकों को हिंदू लड़कियों का ब्रेनवाश और धर्मांतरण करने के लिए फंडिंग करता था। साथ ही इस पूरे मामले की साजिश के पीछे एक मस्जिद का भी नाम सामने आया है। पुलिस मुखबिरों से मामले से जुड़ी और जानकारी पता लगाने की कोशिश कर रहीं है।
संदर्भ : OpIndia
लवजिहाद के लिए पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी कर रहा करोड़ों की फंडिंग: कानपुर SIT जाँच में खुलासा
September 26, 2020
कानपुर शहर में हिन्दू लड़कियों को प्रेम संबंधों में फँसाकर जबरन धर्मपरिवर्तन कराने के खेल में पाकिस्तानी संगठनों का हाथ सामने आया है। एसआईटी (SIT) जाँच में मजहबी फरेब के इन मामलों में पाकिस्तानी कनेक्शन को लेकर कई चौकाने वाले खुलासे हुए है। खबरों के अनुसार, हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फँसाने और उन्हें मुसलमान बनाने के लिए पाकिस्तानी संगठन फंडिग कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि मस्जिद से पूरी साजिश रची जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कानपुर में बढ़ते लव जिहाद के मामलों को देखते हुए मोहित अग्रवाल द्वारा जाँच पड़ताल के लिए एसआईटी की एक टीम का गठन किया गया था। एजेंसी की जाँच में 50 हज़ार से अधिक फॉलोवर्स वाले पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी का पता चला है। ये फॉलोवर्स पूरे शहर में घूम घूम कर अपने समुदाय के लोगों को इस्लाम धर्म के प्रति कट्टर बनाने और हिंदुओं के प्रति नफरत भरने और उन्हें बरगलाने का काम कर रहे है। एजेंडे के तहत उनके द्वारा भोली-भाली हिन्दू लड़कियों को फँसाने, इस्लाम कबूल करवाने के साथ ही कई हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा हैं।
एसआईटी के प्रभारी सीओ विकास पांडेय ने बताया कि सभी मामलों की जाँच करने के बाद पता चला कि सभी आरोपितों का जुड़ाव शहर की ऐसी मस्जिदों से है, जहाँ पाकिस्तान कट्टरपंथी विचारधारा के संगठन दावते इस्लामी का कब्जा है। संगठन के अनुयायी शहर का हेडक्वार्टर कही जाने वाली डिप्टी पड़ाव स्थित एक मस्जिद से संगठन का संचालन कर जबरन धर्मपरिवर्तन कराने की सोच का प्रचार प्रसार करते हैं।
लव जिहाद के पीछे के घिनौने सच को उजागर करते हुए उन्होंने आगे बताया कि हेडक्वार्टर से जुड़ी करीब दो दर्जन अन्य मस्जिदों में भी दावत ए इस्लामी का ही हस्तक्षेप होने की जानकारी मिली। जूही लाल कॉलोनी के सभी मामलों में आरोपितों और उनके परिजनों का जुड़ाव भी एक ही मस्जिद से होने की बात सामने आने के बाद एसआईटी ने अपनी जाँच का रुख इस ओर मोड़ दिया है। पहले भी इस संगठन का विरोधी घटनाओं से ताल्लुक पता लगने के बाद इसी जाँच में एटीएस जुटी हुई थी।
फंडिंग को लेकर SIT प्रभारी ने बताया कि थोड़े बहुत नहीं बल्कि इस्लामिक संगठन को देश से करोड़ों रुपयों का चंदा दिए जाने की बात का भी पता चला है। यह सारा पैसा SBI के एक एकाउंट में इकठ्ठा किया जाता है। जिसके जरिए शिकार बनाने वाले मुस्लिम युवकों को हिन्दू लड़कियों को जबर्दस्ती इस्लाम धर्म कबूल करवाने के लिए दबाव दिया जाता है। एसआईटी शहर से इस संगठन को दिए जाने वाले चंदे का भी डाटा खंगालने में जुटी है।
वहीं इस मामले में एसआईटी के एक और अधिकारी चीफ एसपी साउथ दीपक भूकर ने बताया कि सिर्फ दावत ए इस्लामी ही नहीं, लव जिहाद के खेल में कई संगठनों के विषय में जानकारी मिली है। जिनका पता लगाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी इन संगठनों की गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। चौकाने वाली बात यह है कि इन संगठनों के विषय में जानकारी यू-ट्यूब पर भी उपलब्ध है। यूट्यूब के वीडियो में चंदे के लिए एकाउंट समेत कई जानकारी बताई गई है। शहर की मस्जिदों में मुखबिरों को सतर्क कर दिया गया है।
संदर्भ : OpIndia
मीडिया ने तो 5 ही बताए थे, लेकिन लव जिहाद के 12 मामले मिले SIT को कानपुर में
September 15, 2020
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पिछले दिनों लव जिहाद के बढ़ते मामलों की ंच के मद्देनजर एसआईटी का गठन हुआ था। अब खबर है कि इस एसआईटी ने अपनी पड़ताल में एक दर्जन मामले ऐसे पकड़े हैं, जहाँ विवाह के लिए धर्म परिवर्तन करवाया गया। एसआईटी इनका पता लगाने के बाद ये जानने की कोशिश कर रही है कि कहीं इनके पीछे किसी संगठन का तो हाथ नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि अपर पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर की अगुवाई वाली एसआईटी ने हाल में ‘लव जिहाद’ के एक दर्जन से ज्यादा मामले पकड़े हैं। इनमें ज्यादातर मामले जूही इलाके से हैं। अब एसआईटी इस बात की जाच करेगी कि कहीं लव जिहाद रैकेट में किसी कथित इस्लामी संगठन का तो हाथ नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों शालिदी यादव से फातिमा बनी युवती के केस का खुलासा होने के बाद से हिंदूवादी संगठनों ने कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल से मिल कर लव जिहाद के मामलों की जाच की माँग की थी। इसी माँग को पुलिस महानिरीक्षक ने स्वीकारते हुए एसआईटी के गठन का आदेश दिया था, जिसका नेतृत्व बाद में दीपक भूकर को सौंपा गया।
अपर पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर की अगुवाई वाली इस टीम का काम हिन्दू लड़कियों को बरगलाकर कथित रूप से शादी के बहाने उनका धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह के काम करने के तरीकों तथा अन्य पहलुओं की जाच करना था।
यहाँ बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कानपुर में विवाह के नाम पर धर्म परिवर्तन कराने की बात जान कर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही ये बात स्पष्ट की थी कि सरकार किसी भी तरह का लव जिहाद बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए थे कि कार्ययोजना बना कर ऐसी घटनाओं को चिह्नित किया जाए और फिर कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि ‘लव जिहाद’ से न सिर्फ़ सांप्रदायिक माहौल बिगड़ता है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा का मामला भी इससे जुड़ा हुआ है। मजहब की आड़ में महिलाओं पर अत्याचार रोकने के लिए सरकार सतर्क है। सीएम योगी आदित्यनाथ के सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने भी ‘लव जिहाद’ के मामले बढ़ने की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था कि अगर इस मामले में नए क़ानून की भी आवश्यकता होगी तो विचार किया जाएगा।
पिछले दिनों हमने देखा कि उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाके खासकर कानपुर में लव जिहाद के तमाम मामले उजागर हुए। चाहे फिर वह जूही कालोनी की शालिनी यादव का हो या लखीमपुर खेरी की वह 18 वर्षीय दलित जिसके शव को काट कर किसी दिलशाद ने तालाब में फेंक दिया था। इसके बाद पंकी मामला जहाँ मोहसिन और आमिर को मुस्कान केस में गिरफ्तार किया था और फिर गोविंद नगर का केस जहाँ ‘काला जादू करके’ लड़की का ब्रेनवॉश किया और उसका धर्मपरिवर्तन कराया गया। ये सभी मामले कानपुर से आने के बाद इन मामले में एसआईटी की टीम अब वहाँ लव जिहाद मामले की जाच में जुटी है।
लव जिहाद का ट्रेनिंग ग्राउंड है जूही कॉलनी?
कानपुर की जूही कॉलनी के संप्रदाय विशेष के लड़कों का हिंदू लड़कियों से अफेयर गैर-कानूनी नहीं है, लेकिन अगर इसमें कोई पैटर्न या ट्रेंड दिखता है तो जरूर सोचनीय है। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार इस कॉलनी के संप्रदाय विशेष के लड़के संगठित लव जिहाद कर रहे हैं।
पिछले 2 महीने में कानपुर इलाके में घर से भागी 5 लड़कियाँ। इन पाँचों लड़कियों के भागने और जिन आरोपितों के संग वो भागीं, पूरी रिकॉर्ड्स दैनिक जागरण के पास है। जूही कॉलनी में चल रहे लव जिहाद का संगठित नेक्सस या ट्रेनिंग इन्हीं पाँचों भागी लड़कियों के आधार पर समझ सकते हैं।
- भागी शालिनी यादव – आरोपित मोहम्मद फैसल – रहने वाला जूही कॉलनी का
- कल्याणपुर के आवास विकास निवासी दो सगी बहनें भागीं – आरोपित शाहरुख (पिता का नाम कमाल) और शाहरुख (पिता का नाम खलील) – रहने वाला दोनों जूही कॉलनी का
- पनकी रतनपुर कॉलनी निवासी युवती व उसकी छोटी बहन – आरोपित मो. मोसीन, छोटी बहन सतर्क हुई तो मामला खुल गया – रहने वाला जूही कॉलनी का
जिन स्थानीय लोगों से बातचीत पर दैनिक जागरण की 20 दिन पहले आई यह रिपोर्ट आधारित है, उसके अनुसार आरोपित युवकों के कई लड़कियों से संबंध हैं। रिपोर्ट में यह भी संदेह जताई गई है कि अभी तक कुछ ही थानों के मामले निकाले गए हैं और 5 हिंदू लड़कियों के संप्रदाय विशेष के लड़कों से प्रेम-प्रसंग (जो एक ही इलाके से होने के कारण संगठित लव जिहाद की ओर इशारा कर रहे हैं) की बात सामने आई है लेकिन विभिन्न थानों में दर्ज भागने वाली लड़कियों की जाच अगर अच्छे से की जाए तो यह संख्या एक दर्जन से अधिक होगी और सभी आरोपितों के तार जूही कॉलनी से जुड़े मिलेंगे।
स्पष्ट है कि जिस लव जिहाद की ओर 20 दिन पहले स्थानीय लोग इशारा कर रहे थे, SIT की जाच में इनकी संख्या दर्जनों में निकलने वाली सच होती दिख रही है।
संदर्भ : OpIndia