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नेटफ्लिक्स : काबुलीवाला में हिंदू बच्ची से पढ़वाया नमाज, ‘सेक्युलरिज्म’ के नाम पर रवींद्रनाथ टैगोर की मूल कहानी से छेड़छाड़

इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री ने इन दिनों दर्शकों को रिझाने के लिए अपने मनोरंजन का काम छोड़ लोगों के बीच प्रोपेगैंडा फैलाने पर ज्यादा ध्यान देने लग गई है। आए दिन अलग-अलग सीरीज के जरिए हिंदू धर्म का अपमान और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का काम किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर तुलनात्मक रूप से इस्लाम धर्म का महिमामंडन किया जा रहा है।

इसी तरह के हिंदू धर्म के प्रति अपमान को लक्षित कर एक चर्चित साइट नेटफ्लिक्स में अनुराग बसु द्वारा रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी काबुलीवाला पर आधारित एक वेब सीरीज में दिखाया गया है। हालाँकि, यह सीरीज नेटफ्लिक्स का ओरिजनल कंटेंट नहीं लग रहा है। इसे पहले Epic On पर उपलब्ध कराया गया था। लेकिन लोगों की नजर इसपर नेटफ्लिक्स पर आने के बाद पड़ी।

सीरीज की कहानी के एक दृश्य में (मिनी) नाम की एक लड़की नमाज अदा करते हुए दिखाई देती है क्योंकि उसका दोस्त काबुलीवाला कुछ दिनों के लिए उससे मिलने नहीं आया था। सीन में छोटी बच्ची को काबुलीवाले के अल्लाह से प्रार्थना करते हुए दिखाया गया है। ताकि उसका दोस्त जल्द ही उससे मिलने आए।

इसमें यह बात ध्यान देने वाली है कि टैगोर की मूल कहानी (जिसके आधार पर यह शो बनाया गया है) में नमाज अदा करने वाली हिंदू लड़की के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया गया है। शो के निर्माताओं ने इसे अपने प्रोपेगेंडा के अनुसार डाला है। इस दृश्य में राजनीतिक एजेंडे के अलावा, मूल कहानी के बिलकुल अलग इस तरह के कथानक को दिखाने के लिए कोई अन्य औचित्य नजर नहीं आ रहा है।

गौरतलब है कि प्रोपेगेंडा हमेशा मनोरंजन उद्योग का एक अभिन्न अंग रहा है। आधुनिक प्रोपेगैंडा के जनक एडवर्ड बर्नेज़ ने एक बार टिप्पणी की थी, “अमेरिकन मोशन पिक्चर आज दुनिया में प्रोपेगेंडा का सबसे बड़ा अचेतन वाहक है।” हालाँकि, यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है कि भारतीय मनोरंजन उद्योग भी प्रोपेगैंडा का एक अचेतन वाहक है।

जिस तरह रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी में नमाज़ अदा करने वाली हिंदू बच्ची को चित्रित कर दिया गया वैसे ही नेटफ्लिक्स पर जल्द ही रिलीज़ होने वाली फिल्मों में से एक में फर्जी ब्राह्मण विरोधी कोटेशन का आविष्कार किया गया है। और इसका श्रेय इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति को दिया गया है।

वहीं नेटफ्लिक्स पर Ghoul और Leela जैसे शो भी उपलब्ध है, जिसमें हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं पर खुले तौर पर निशाना साधा गया है। सांप्रदायिक सौहार्द की खातिर, हिंदू समुदाय की भावनाओं को अक्सर रौंदने की अनुमति दे दी जाती है। लेकिन पारस्परिक सहिष्णुता को दिखाते हुए अन्य धर्मो के खिलाफ शायद ही कोई शो कभी नेटफ्लिक्स आदि पर आते हैं। हिंदू समुदाय को उपदेश जारी करना और एक पक्षीय सहिष्णुता का प्रचार प्रसार करना मनोरंजन उद्योग की एक खास विशेषता बन चुकी है।

संदर्भ : OpIndia

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