शार्ली एब्दो के पूर्व कार्यालय के बाहर हमला करने वाले आतंकी को PAK ने बनाया हीरो, जताई खुशी

फ्रांस की व्यंग्य मैग्जीन ‘शार्ली एब्दो’ के पुराने दफ्तर के बाहर शुक्रवार (सितंबर 25, 2020) को 4 लोगों पर चाकू से हमला हुआ था। यह हमला पाकिस्तानी ‘आतंकी’ अली हसन उर्फ जहीर हसन महमूद ने किया था। इस हमले में 2 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। पड़ताल में मालूम चला था कि हमलावर हसन पंजाब प्रांत के मंदी बहाउद्दीन का रहने वाला है। जिसकी गिरफ्तारी पेरिस पुलिस कर चुकी है।

इस खबर के सोशल मीडिया पर आने के बाद से पाकिस्तान के कई अकॉउंट्स और यूट्यूब चैनल्स के जरिए हसन को सराहा जा रहा है। साथ ही उसे हीरो की तरह पेश करने की कोशिश चल रही है। पाकिस्तान का ‘नया पाकिस्तान’ नामक चैनल ने इस घटना पर आतंकी की एक वीडियो शेयर की है।

इस वीडियो में कट्टरपंथी की बात सुनकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह पैगंबर पर दोबारा कार्टून प्रकाशित की जाने वाली बात से नाराज था। वह वीडियो में कहता है, “अगर मैं भावुक लग रहा हूँ, तो मैं समझाता हूँ। यहाँ फ्रांस में पैगंबर का कैरिकेचर बनाए जा रहे हैं। इसलिए आज सितंबर 25 को मैं इसका विरोध करने जा रहा हूँ। “

आगे चैनल की वीडियो में देख सकते हैं कि उनका रिपोर्टर आतंकी के पिता को मुबारकबाद देते हुए कहता है कि उनके बेटे यानी जहीर से अल्लाह ने बहुत बड़ा काम लिया है। इसके अलावा आतंकी के परिवार को भी पूरे हमले पर गर्व करते देखा जा सकता है।

चैनल से बात करते हुए हसन के पिता इस हमले को बहादुरी का कारनामा कहते हैं। वह बताते हैं, “मुझे सुनकर बहुत अच्छा लगा। पैगंबर का सम्मान बचाने के लिए मैं अपनी जिंदगी और अपने पाँचों बेटों की कुर्बानी देने को तैयार हूँ।”

आगे वीडियो में चैनल के रिपोर्टर को आतंकी के पिता को हिम्मत देते देखा जा सकता है। वह उन्हें हौसला देते हुए कहता है कि आज उनके बेटे पर यानी उस पाकिस्तानी आतंकी पर पूरे पाकिस्तान को गर्व है। इस पर हसन के अब्बू कहते हैं, “मेरे बेटे का कलेजा फौलाद का है।”

आतंकी की अम्मी भी अपने बेटे के अपराध को जायज ठहराती है। इस बातचीत से यह भी पता चलता है कि हसन सुन्नी उलेमा इलियास कादरी से प्रेरित था और 5 बार नमाज भी पढ़ता था। पिता कहता है कि आतंकी हसन ने उन लोगों को हमले से पहले कॉल किया था और कहा था कि पैगंबर के काम के लिए उसे चुना गया है।

वीडियो में आतंकी के अपराध को सही बताने के लिए उसके पिता कुछ अन्य लोगों के साथ मिल कर नारे लगाते हुए कहते हैं, “रसूल के गुलाम हैं और गुलामिया रसूल में मौत भी कबूल है।”

गौरतलब है कि साल 2015 के बाद 25 सितंबर 2020 को फ्रांस के रिचर्ड लेनोरो मेट्रो स्टेशन के पास घटी घटना को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। एक यूजर लिखता है, “अल्हमदुल्लिाह, पंजाब प्रांत के मंडी बहाउद्दीन का एक युवक जहीर हसन महमूद ने ईशनिंदा करने वाले कुत्तों के दफ्तर के सामने 4 लोगों को मारकर घायल किया।” इसके बाद वह ऐसे लोगों का सिर धड़ से अलग करने की बात भी कहता है।

एक पाकिस्तानी इस आतंकी हमले पर आतंकवादी को बधाई देता है। साथ ही कहता है कि इसे ही इमानी जज्बा कहा जाता है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले शार्ली एब्दो मैग्जीन के दफ्तर पर साल 2015 में हमला हुआ था। यह हमला पैगंबर का एक कार्टून छापने के कारण हुआ था। इस घटना के करीब 5 साल बाद मैग्जीन ने दोबारा उस कार्टून को हाल में पब्लिश करने का फैसला किया, जिसके कारण विश्व भर के मुस्लिमों ने जगह-जगह प्रदर्शन किया और कई जगहों से हिंसा की घटना भी सामने आई।

संदर्भ : OpIndia

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