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नई मुंबईमें फादरद्वारा हिंदुनिष्ठ नेताओंकी अपकीर्ती करनेवाली पुस्तकका वितरण !

वैशाख कृष्ण  , कलियुग वर्ष ५११५

शिवसेना तथा भाजपाके कार्यकर्ताओंके फटकारनेपर फादरद्वारा क्षमायाचना !


नई मुंबई – "हिंदुनिष्ठ नेता निरंतर उकसाते रहते हैं ; हिंदू आतंकवादी प्रवृत्तिके हैं ; हिंदुस्थानमें लोकशाही केवल कहनेभरके लिए है तथा ग्रामीण क्षेत्रोंमें ग्रामपंचायती महिलाओंपर सामूहिक बलात्कारके आदेश देते हैं;" ऐसी प्रक्षोभक एवं झूठी लिखाई अलफान्सो एलेंजिकल नामक इस विवादग्रस्त लेखकने, ‘यू कैन मेक ए डिफरेन्स’नामक  पुस्तकमें की है । (वास्तवमें ईसाईयोंने भारतपर सैंकडों वर्ष राज करके हिंदुओंपर असीम अत्याचार किए, यह  इतिहास सत्य होते हुए भी हिंदुओंको आतंकवादी सिद्ध कर ईसाई लेखक अलफान्सो स्वयंका वैचारिक आतंकवाद ही स्पष्ट कर रहे हैं । हिंदुओ, आपकी तथा आपके धर्मकी अपकीर्ती करनेवाले ईसाईयोंका वैचारिक आतंकवाद समाप्त करने हेतु संगठित हों ! – संपादक, दैनिक सनातना प्रभात ) यह पुस्तक वाशी असग्नल महाविद्यालयके फादरने विद्यार्थियोंको मुफ्तमें बांटी । इससे संतप्त शिवसेना तथा भाजपा के कार्यकर्ता एवं अन्य हिंदुनिष्ठ संगठनोंके पदाधिकारियोंने मंगलवारको फादर अल्मेडाको घेर लिया । इस संदर्भमें फादरने प्रतिनिधिमंडलकी बिनाशर्त क्षमायाचना कर विद्यार्थियोंसे सारी पुस्तके  वापस जमा करनेकी बात कही तथा भविष्यमें `हमसे ऐसी चूक नहीं होगी’, ऐसा लिखकर दिया । ( विद्यार्थियोंमें हिंदू धर्म तथा हिंदुओंके नेताओंकी अपकीर्ती करनेवाली पुस्तके वितरित करनेवाले फादरको पाठ पढानेवाले हिंदुनिष्ठ पक्षोंका अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

अलफान्सो एलेंजिकलने स्वयंकी पुस्तकमें हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख दिवंगत बालासाहब ठाकरे, भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी, गुजरातके मुख्यमंत्री श्री. नरेंद्र मोदी, विश्व हिंदू परिषदके डॉ. प्रवीण तोगाडिया आदिकी अपकीर्ती करनेवाली लिखाई की है । अत: इस पुस्तकके प्रकाशकके विरोधमें भी अपराध प्रविष्ट हुआ है; इसके पश्चात भी यह विवादास्पद पुस्तक फादर अग्नल महाविद्यालयके फादर अल्मेडाने महाविद्यालयके विद्यार्थियोंको भेंटमें दी । इस पुस्तकके कारण भारतीय संविधानका उल्लंघन हो रहा है, तथा भारतीय स्त्रियोंका अपमान हुआ है । इतना ही नहीं अपितु इस पुस्तकमें ईसाई तथा मुस्लिम धर्मोंकी प्रशंसा कर सोनिया गांधीजीके बारेमें गौरवोद्गार व्यक्त किए गए हैं । यह जानकारी शिवसेना ग्राहक सुरक्षा कक्षके शहरप्रमुख श्री. घनश्याम पाटे तथा भाजपके नई मुंबईके सरचिटणीस श्री. संतोष पाचलग आदिको मिली । इसके पश्चात भाजपाके भूतपूर्व विधायक श्री. संजय केळकर एवं शिवसेनाके उपजनपदाधिकारी श्री. मनोहर गायखेजीके नेतृत्वमें युतिके पदाधिकारियोंने सीधे महाविद्यालयपर  जाकर फादरको घेर लिया । इस आंदोलनमें भाजपाकी जनपदाध्यक्षा वर्षा भोसले, दिलीप पडते, सुनील होनराव, जनपदसंगठक रंजना शिंत्रे, भरत पोखरकर आदि सम्मिलित हुए थे । आक्रामक पदाधिकारियोंके सामने फादरकी बोलती बंद हो गई । उन्होंने इस घटनाके संदर्भमें लिखित क्षमायाचना की । इससे पूर्व भी फादरने ऐसी ही विवादास्पद पुस्तकका वितरण किया था  तथा उसपर वाशी पुलिस थानामें आरोप प्रविष्ट हुआ था, ऐसा सूत्रोंने बताया (इससे पहले अपराध प्रविष्ट होनेपर भी ये ईसाई बारबार हिंदू धर्मकी अपकीर्ती करनेका दु:साहस  करते हैं, इसके पीछे हिंदुओंकी सहिष्णुता ही है । हिंदुओ, अपने धर्मकी होनेवाली यह अपकीर्ती आप कबतक सहेंगे ? -संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

फादर द्वारा की गई लिखित क्षमायाचना !

फादर द्वारा की गई लिखित क्षमायाचनामें कहा गया है, ‘हमारी संस्था द्वारा वितरित  पुस्तकोंके कारण आपकी भावनाको ठेस पहुंचानेके कारण मैं बिनाशर्त क्षमायाचना करता हूं, तथा इस लिखाईके लिए भी क्षमा मांगता हूं । विद्यार्थियोंको वितरित की गई पुस्तक शीघ्र ही वापस लुंगा ।’

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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