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पश्चिम बंगाल : BJP नेता मनीष शुक्ला की हत्या के आरोप में मोहम्मद खुर्रम और गुलाब शेख गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल के अपराध जाँच विभाग (CID) ने सोमवार (अक्टूबर 5, 2020) को बैरकपुर इलाके के टीटागढ़ पुलिस स्टेशन के पास भाजपा नेता मनीष शुक्ला की निर्मम हत्या के लिए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। हत्या रविवार (अक्टूबर 4, 2020) शाम करीब 8:30 बजे उस वक्त हुई जब वह एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पार्टी कार्यालय गए थे। कथित तौर पर, बाइक सवार हमलावरों ने शुक्ला को बेहद करीब से गोली मारी थी।

सीआइडी ने मामले में मोहम्मद खुर्रम और गुलाब शेख नाम के दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। खुर्रम को दिन में ही गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि शेख को 5 अक्टूबर और 6 अक्टूबर की मध्यरात्रि को गिरफ्तार किया गया। सीआईडी अधिकारियों ने दोनों से पूछताछ की और बताया कि मोहम्मद खुर्रम की मृतक भाजपा नेता के साथ ‘व्यक्तिगत दुश्मनी’ थी।

दोनों आरोपितों ने मनीष शुक्ला की हत्या किस मकसद से किया था, CID इसकी जाँच कर रही है। इसके साथ ही जाँच एजेंसी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उन दोनों ने इस हत्या के वारदात को अंजाम कैसे दिया। CID ने कहा है कि मामले की जाँच उन्हें अन्य आरोपितों तक ले जाएगी।

गौरतलब है कि भाजपा नेता मनीष शुक्ला की कथित तौर पर तृणमूल कॉन्ग्रेस के गुंडों द्वारा की गई हत्या के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने मामले की जाँच सीआईडी को सौंप दी थी। इस बात की जानकारी सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई ने रोष जताया था। संगठन का कहना था कि उन्हें तृणमूल सरकार के अंतर्गत काम करने वाली पुलिस पर भरोसा नहीं है।

भाजपा की तरफ से इस मुद्दे पर असहमति का एक सबसे बड़ा कारण पिछले कुछ समय में वहाँ पार्टी के कई कार्यकर्ताओं की अप्राकृतिक मृत्यु हुई है, जिसे राज्य की पुलिस ने आत्महत्या घोषित कर दिया या उस पर कोई नतीजा नहीं निकला। इन बातों को मद्देनज़र रखते हुए भाजपा ने इस मामले में सीबीआई जाँच की माँग की है।

सोमवार (5 अक्टूबर 2020) को भाजपा कार्यकर्ता नील रतन सरकार अस्पताल के सामने इकट्ठा हुए, जहाँ मृतक का शरीर रखा गया था। कार्यकर्ताओं का कहना था कि शरीर उनके हवाले किया जाए। पार्टी ने इस बात की जानकारी दी कि वह अपने कार्यकर्ता का शव कोलकाता से ले जाना चाहते थे। हालाँकि, पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं की माँगों को सिरे से खारिज कर दिया था। पुलिस ने अस्पताल के लगभग हर गेट पर बैरीकेडिंग लगा दी थी, सिर्फ एम्बुलेंस और मरीजों को भीतर दाखिल होने की अनुमति दी थी।

संदर्भ : OpIndia

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