गोवंश हत्‍याबंदी कानून पर कठोरता से अमल करें !

हिन्‍दू धर्म में गाय को ‘गोमाता’, ‘विश्‍वमाता’ तथा ‘ईश्‍वर’ का स्‍थान दिया गया है । धर्मशास्‍त्र कहता है कि गाय की पवित्रता इतनी है कि, उसके शरीर में 33 कोटि देवता वास करते हैं तथा वैसी ही समस्‍त हिन्‍दू समाज की श्रद्धा है । इसलिए गाय के गोमय (गोबर) और गोमूत्र का उपयोग धार्मिक कृत्‍यों के समय तथा अन्‍य समय शुद्धता और पवित्रता संजोने के लिए किया जाता है । हिन्‍दू समाज बहुत भक्‍तिभाव से गाय की पूजा करता है । हिन्‍दू धर्मशास्‍त्र के अनुसार ‘गोहत्‍या करना’ महापाप है तथा वह करनेवालों को ‘ब्रह्महत्‍या’ का महापाप लगता है । इतना ही नहीं तो गोहत्‍या में प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष सहभागी रहनेवाले को भी वह महापाप लगता है । इसके विपरीत किसी व्‍यक्‍ति से अक्षम्‍य अपराध और पापकर्म हुए हों तथा यदि ऐसा व्‍यक्‍ति श्रद्धा रखकर मनःपूर्वक गोमाता की सेवा करे, तो वह पापों से मुक्‍त हो जाता है । इसलिए हिन्‍दू समाज गोहत्‍या कभी सहन नहीं कर सकता ।

देशभक्‍त एवं धर्मप्रेमी हिन्‍दू इस ऑनलाईन याचिका (पेटिशन) द्वारा केंद्र शासन से ये मांग करें !

देशभक्‍त एवं धर्मप्रेमी हिन्‍दुओं से निवेदन है कि, कृपया नीचे दिए गए ‘Send Email’ इस बटन पर क्लिक कर इस मांग को इ-मेल द्वारा महाराष्ट्र के मा. मुख्‍यमंत्री एवं मा. गृहमंत्री को भेजें ! साथ ही इस इ-मेल की प्रतिलिपि (Copy) हमें [email protected] इस पते पर इ-मेल करें ! 
(Note: ‘Send Email’ button will work only on Mobile. Also please update your Email App to ensure proper working of email petition)

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यह पिटीशन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री को भेजा जाएगा । यदि आपके राज्य में भी गोहत्या से संबंधित समस्याए है, तो आप अपने राज्य के मुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री के इमेल पर इसी पिटीशन में अपने स्तर पे योग्य रूप से आवश्यक बदलाव कर भेज सकते है ।

प्रभु श्रीरामचंद्रजी के पूर्वज राजा दिलीप ने गोमाता को बचाने के लिए स्‍वयं के प्राणों की भी बाजी लगा दी थी । भगवान श्रीकृष्‍ण ने गोपालन और गोरक्षा कर गोसेवा का आदर्श संसार के सामने रखा है । छत्रपति शिवाजी महाराज ने भी बाल्‍यावस्‍था में गोहत्‍या करनेवाले धर्मांध कसाइयों को कठोर दंड देकर गोहत्‍या करनेवालों में भय उत्‍पन्‍न किया था ।

भारतीय संविधान के ‘अनुच्‍छेद 48’ के अनुसार सर्व राज्‍यों को गाय तथा गोवंश एवं दूध देनेवाले जानवरों की हत्‍या पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है । देश में होनेवाली गोवंशों की हत्‍या से संबंधित अभियोग में (सिविल अपील : 4937-4940 of 1998) दिनांक 26 अक्‍टूबर 2005 को मा. सर्वोच्‍च न्‍यायालय के 7 न्‍यायमूर्तियों के खंडपीठ ने गोहत्‍या रोकने का ऐतिहासिक निर्णय दिया था । गोहत्‍या रोकने का दायित्‍व प्रत्‍येक राज्‍य सरकार, मुख्‍यमंत्री, मुख्‍य सचिव का है, ऐसा उस निर्णय में कहा गया है ।

इस्‍लाम पंथियों के ‘कुरान’, ‘हदीस’ अथवा अन्‍य किसी भी धार्मिक ग्रंथ में यह नहीं कहा गया है कि, ‘गोहत्‍या करें’ अथवा ‘गोहत्‍या यह मुसलमानों का धार्मिक अधिकार अथवा कर्तव्‍य है’; परंतु हिन्दुओं के लिए गोमाता पूज्‍य होने तथा उसकी हत्‍या से हिन्‍दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी, यह धर्मांध कट्टरतावादी जानते हैं, तब भी वे जानबूझकर गोमाता की हत्‍या कर ही रहे हैं । इससे हिन्‍दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करने का उनका उद्देश्‍य स्‍पष्‍ट होता है । परिणामस्‍वरूप धार्मिक तनाव उत्‍पन्‍न होकर सामाजिक अशांति उत्‍पन्‍न होती है ।

वर्ष 1947 में देसी गोधन 90 करोड था, जो अब केवल 2-3 करोड शेष रह गया है । आज देश के 29 राज्‍यों में से 20 राज्‍यों में (महाराष्‍ट्र, गुजरात, हरियाणा, राजस्‍थान, मध्‍यप्रदेश एवं अन्‍य राज्‍यों में) गोहत्‍या के विरुद्ध कानून बनाए गए हैं; परंतु ‘गोहत्‍या बंदी’ के लिए बनाए कानूनों में कठोर दंड की व्‍यवस्‍था न होने के कारण अधिकांश प्रकरणों में आरोपी तत्‍काल जमानत पर मुक्‍त हो जाते हैं तथा आगे भी इसी प्रकार के गैर कानूनी कृत्‍य करते रहते हैं । ऐसे राज्‍यों में भी निरंतर पशुवधगृह और वाहनों पर पुलिस और गोरक्षों द्वारा मारे गए छापों में बडी मात्रा में गोमांस जप्‍त किया जाता है ।

इस संबंध में कुछ सूत्र आपके निदर्शन में ला रहे हैं ….

1. सितंबर 2020 में पुलिस को जलगांव और भुसावल से चुराए हुए 22 जानवर जलगांव स्‍थित पाळधी के अवैध पशुवधगृह में मिले हैं । इस प्रकरण में सीसीटीवी फुटेज के प्रमाण भी मिले हैं । जानकारी मिली है कि अनेक जानवरों की मालेगांव तथा मुंबई में हत्‍या की जाती है ।

2. 18 जून 2019 को रात्रि 9 बजे श्री. विकास गोमसाळे और श्री. मयूर विभांडिक नामक गोरक्षों की रिक्‍शा वडजाई रोड (धुळे, महाराष्‍ट्र) से जा रही थी, तब अमजद मुल्ला के लडके ने देशी पिस्‍तौल सिर पर लगाकर रिक्‍शा रोकी । तत्‍पश्‍चात इन दोनों पर 80 से अधिक धर्मांधों ने प्राणघातक आक्रमण किया ।

3. 24 जून 2019 की रात्रि बदलापुर, ठाणे (महाराष्‍ट्र) के गोरक्षक श्री. चेतन शर्मा (सदस्‍य, ‘पीपुल्‍स फॉर एनिमल एंड एनिमल वेल्‍फेयर बोर्ड ऑफ इंडिया’) 35 से अधिक पुलिसवालों को लेकर अवैध पशुवधगृह के विरुद्ध कार्रवाई करने गए थे । तब उन पर 350 से अधिक धर्मांध कसाइयों की भीड ने प्राणघातक आक्रमण किया । इसमें गंभीर रूप से घायल हो गए । ऐसी अनेक घटनाएं संपूर्ण देश में हो रही हैं; परंतु विस्‍तार के भय से अधिक घटनाएं प्रस्‍तुत नहीं कर पा रहे हैं ।

4. गोमाता को ईश्‍वर माननेवाले भारत से संपूर्ण संसार में सर्वाधिक गोमांस का निर्यात होना दुर्भाग्‍यपूर्ण है । फरवरी 2020 में 50 हजार टन मांस निर्यात हुआ है । इस व्‍यापार से अनेक हजार करोडों का लाभ मिलने के कारण देश में बीफ माफियों की बडी टोलियां कार्यरत होने की संभावना है । इसलिए देश में कहीं भी गोहत्‍या करनेवाले कसाइयों पर कोई आक्रमण होने पर उसे ‘मॉब लिचिंग’ के नाम से राष्‍ट्रीय समाचार बनाकर दिखाया जाता है और गोरक्षकों पर निरंतर प्राणघातक आक्रमण होकर भी उसका कहीं समाचार नहीं आता ।

गत 7 महीनों से संपूर्ण देश में ‘लॉकडाउन’ होते हुए भी गोवंशों की हत्‍या करने में ‘लॉकडाऊन’ की कोई बाधा नहीं आई है, यह दिखाई दे रहा है । यह अत्‍यंत गंभीर है । इस अवधि में भी पुलिस को चकमा देकर गोतस्‍करी और गोहत्‍या खुलकर हो रही हों, तो सरकार नेे इसे अत्‍यंत गंभीरता से देखना चाहिए ।

सरकार आगे दी गई मांगों की पूर्ति करें…

1. राज्‍य में गोवंश हत्‍या बंदी का कानून होते हुए भी उस पर कठोरता से अमल नहीं होता । इसलिए राज्‍य सरकार गोवंश हत्‍याबंदी कानून पर कठोरता से अमल करें ।

2. सरकार द्वारा ‘ईको फ्रेंडली गणेशोत्‍सव’, ‘ईको फ्रेंडली होली’ और ‘ईको फ्रेंडली दीपावली’ मनाने का आवाहन किया जाता है । उसी धरती पर सरकार ईद के निमित्त मुसलमान समाज को गोहत्‍या से परावृत्त करने के लिए ‘ईको फ्रेंडली ईद’ मनाने का आवाहन करें ।

3. गोसंवर्धन के लिए सरकार गाय से उत्‍पन्‍न होनेवाले गोमूत्र, गोमय (गोबर), पंचगव्‍य आदि तथा गो-चिकित्‍सा को प्रोत्‍साहन दे । उसके लिए विशेष योजना कार्यान्‍वित करे तथा स्‍वतंत्र ‘गो-मंत्रालय’ की स्‍थापना करें ।

4. गोरक्षा करनेवाले गोरक्षकों को सुरक्षा प्रदान की जाए, गोरक्षकों पर हुए आक्रमणों के प्रकरण में संबंधित गोतस्‍करों पर कठोर कार्रवाई करें । इसके साथ ही स्‍थान स्‍थान पर निगरानी करने के लिए पुलिस दल तैयार रखें । गोहत्‍या करनेवालेे कसाई और पशुवधगृहों की सूची बनाकर वहां सरकार कठोर प्रतिबंधात्‍मक कार्रवाई करें ।

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