बीरमित्रपुरमें श्रीरामनवमी उत्सव शोभायात्राकी धर्मजागृति संदर्भमें समितिका चित्ररथ !

वैशाख कृष्ण ३ , कलियुग वर्ष ५११५

भुवनेश्वर – श्रीरामनवमी उत्सवके अवसरपर राऊरकेला नगरके निकट बीरमित्रपुर गांवमें हर वर्ष आयोजित की जानेवाली शोभायात्रामें हिंदू जनजागृति समिति द्वारा बनाए गए धर्मजागृति एवं राष्ट्ररक्षासे संबंधित फ्लेक्स फलकोंसे सजाया गया धर्मरथ प्रस्तुत कर धर्मजागृति करनेका प्रयास किया गया । शोभायात्रामें श्रीरामनवमीके अवसरपर छत्रपति शिवाजी अखाडेके कार्यकर्ताओंने हिंदू जनजागृति समिति द्वारा बनाए गए लगभग २ सहस्र हस्तपत्रकोंका वितरण  किया ।

१. शोभायात्रामें नगरके अलग-अलग हिस्सोंसे १० अखाडे (गुट ) सहभागी होते हैं । इनमेंसे छत्रपति शिवाजी अखाडेके कुछ कार्यकर्ता समितिके कार्यसे प्रभावित हुए । उन्होंने अपने अखाडेमें समिति द्वारा प्रकाशित राष्ट्र तथा धर्मके संदर्भमें फ्लेक्स फलकोंकी मांग कर धर्मरथ बनाया ।

२. ‘आतंकवाद एवं नक्सलवाद पर रामबाण उपाय ’, ‘धर्माधारित हिंदू राष्ट्र’, ‘हिंदू राष्ट्र ऐसा होगा’,  `हिंदूओ विश्वमें एक भी हिंदू राष्ट्र नहीं’, इन शीर्षकोंके फ्लेक्सद्वारा धर्मरथ सजाया गया था । फ्लेक्सके बीचमें सचमुचकी तलवारें, भाले, बर्छी आदि विविध हाथियारोंके साथ  रथपर एक भव्य फलक भी  प्रदर्शित किया गया था । अत: यह धर्मरथ अन्य सारी शोभायात्राओंसे अलग तथा प्रबोधन करनेवाला सिद्ध हुआ । नागरिक इस फलकपर लिखे धर्मराष्ट्रविषयक संदेश जिज्ञासासे पढ रहे थे ।

३.शोभायात्राकी पूर्वसिद्धता हेतु आयोजित कार्यकर्ताओंकी बैठकमें हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ता श्री. प्रकाश मालोंडकरजीको श्री रामनवमी तथा धर्मजागृतिका महत्त्व कथन करनेके लिए कहा गया । इस अवसरपर श्री. मालोंडकरजीने श्रीरामनवमीका आध्यात्मिक महत्त्व तथा हिंदूसंगठन करने हेतु धर्माचरणका महत्त्व क्या है, इस संदर्भमें कुछ सूत्र बताए । कार्यकर्ताओंने हर पाक्षिकमें इस प्रकारके धर्मशिक्षणवर्ग  आयोजित करनेकी मांग की ।

४. इसी प्रकारकी शोभायात्रा राऊरकेलाके निकट देवगांवमें भी आयोजित की गई । उस अवसरपर  छत्रपति शिवाजी अखाडाद्वारा विविध सवारियोंपर चित्ररथके साथ-साथ कपडेके फलकवाले धर्मजागृतिविषयक  बोधवचन  लगाकर धर्मप्रसार करनेका प्रयास  किया गया । अखाडेके कार्यकर्ताओंने इस अवसरपर समाजमें लगभग १ सहस्र रामनवमी हस्तपत्रकोंका   वितरणत किया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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