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नवरात्र के अपमान पर Eros Now के ख़िलाफ़ FIR दर्ज, क्षमा मांगने से भी लोगों का गुस्सा नहीं हुआ शांत

हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले इरोज नाउ (Eros Now) को किसी भी कीमत पर लोग माफ करने को तैयार नहीं है। क्षमा पत्र जारी करने के बावजूद सोशल मीडिया पर कई ऐसी FIR की कॉपी देखने को मिल रही हैं जिसमें इरोज नाउ के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज है।

मुंबई में भाजपा प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने Eros Now के ख़िलाफ़ दर्ज शिकायत की कॉपी शेयर करते हुए लिखा, “साइबर अपराध और हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के संबंध में इरोज नाउ और प्रोड्यूसर क्रिशिका लुल्ला के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की। बहुत जल्द इसका फॉलो अप भी किया जाएगा।”

इससे पहले सुरेश ने इरोज नाउ को कहा था कि वह लगातार हिंदुओं की भावनाओं को आहत कर रहे हैं। अब जल्द ही कोर्ट में मुलाकात होगी।

इसी तरह वकील चांदनी शाह ने भी हिंदुओं की भावना आहत करने के मामले में शिकायत करवाई है। अपने ट्विटर पर उन्होंने बताया, “जैसा कि मैंने वादा किया था, मैंने आईटी एक्ट की धारा 67 (ए) के साथ आईपीसी की 153 (ए), 295 (ए), 504, 505, 506 में शिकायत दर्ज की है।” उन्होंने अपने ट्वीट में बताया कि उन्होंने @ArreTweets@Arresai@sharan_saikumar, http://arre.co.in पर शिकायत करवाई है।

गौरतलब है कि इरोज नाउ ने हिंदुओं के पवित्र पर्व नवरात्रि पर आपत्तिजनक तस्वीरें साझा करने के लिए इससे पहले आज सुबह क्षमा पत्र जारी किया था। उन्होंने लिखा था कि वह हर धर्म संस्कृति का बराबर सम्मान करते हैं, उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था।

बता दें कि नवरात्र के मौके पर इरोज नाउ ने इस तरह की कई तस्वीरें साझा की थीं, जो सांस्कृतिक त्योहार के दृष्टिकोण से आपत्तिजनक थीं और हिन्दू पर्व का अपमान करते थे। जबकि अन्य मज़हब के त्यौहारों पर यही इरोज नाउ ने बेहद धर्म निरपेक्ष तरीके से शुभकामनाएँ दी थीं।

इसी दोहरे रवैये को देखते हुए ट्विटर पर सुबह से #BoycottErosNow ट्रेंड कर रहा था। कई नामी हस्तियों ने इसे शेयर किया था। लोग लगातारआपत्तिजनक तस्वीरें शेयर करते हुए पूछ रहे थे कि क्या जैसा इरोज नाऊ ने नवरात्रि के लिए किया, क्या वैसे ही शुभकामनाएँ किसी और मजहब के त्योहार पर दे सकता है? इसके अलावा क्षमा पत्र के बाद दर्ज हुई हालिया शिकायतें भी इसी ओर इशारा करती हैं कि सोशल मीडिया पर लोग अब ऐसे घटिया प्रयोगों को फैलने से रोकने के लिए अग्रसर हैं, ताकि हिंदुओं के त्योहारों का मजाक बनाकर चर्चा में आने वालों को सबक मिल सके।

संदर्भ : OpIndia

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