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तमिलनाडु सरकार द्वारा मंदिर की ३५ एकड जमीन ‘अधिग्रहीत’ करने का षड्यंत्र

चेन्नई – हिंदू मुन्नानी ने सोमवार को आरोप लगाया कि, प्राधिकारी एक मंदिर की 35 एकड जमीन नए कल्लाकुरिची जिले के कलेक्ट्रेट परिसर के निर्माण के लिए अधिग्रहीत करना चाहते हैं। हिंदू मुन्नानी ने इस कदम का कडा विरोध जताया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुडे एवं तमिलनाडु स्थित संगठन ‘मुन्नानी’ ने एक बयान में कहा कल्लाकुरिची जिले में वीरा चोलपुरम श्री अर्द्धनारीश्वर मंदिर की जर्जर स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त करने के बजाय हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग ने भूमि मंदिर की प्रस्तावित बिक्री के बारे में समाचारपत्रों में विज्ञापन दिया है।

मुन्नानी के राज्य सचिव टी मनोहरन ने कहा कि विज्ञापन के अनुसार शिव मंदिर के स्वामित्व वाली 35 एकड़ जमीन की कीमत 1.98 करोड रुपये तय की गई है और भूमि अधिग्रहण कल्लाकुरिची जिले के लिए एक नया कलेक्ट्रेट परिसर बनाने के लिए है।

सरकारी विभाग ने प्रस्ताव पर आपत्तियां मांगी हैं, यदि कोई है तो, और कल्लाकुरिची जिले के मुन्नानी के पदाधिकारियों ने इसका विरोध करते हुए अधिकारियों को अभ्यावेदन भेजा है।

उन्होंने कहा कि यह न केवल भूमि के दानदाताओं के उस इरादे के खिलाफ है जो मंदिर को नियमित रूप से कार्य करने के लिए समर्थन देने के लिए एक बंदोबस्त करना था, बल्कि यह एक ‘विश्वासघात’ भी है।

मुन्नानी ने आरोप लगाया कि यहां तक कि सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, 35 एकड़ जमीन से लगभग 100 करोड़ रुपये आने चाहिए और 1.98 करोड़ रुपये का मूल्य तय करना ‘‘धोखाधड़ी और एक अवैध कदम है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार द्वारा उस स्थल पर निर्माण गतिविधियां शुरू करना गैरकानूनी है। यह निंदनीय है।’’

उन्होंने लोगों से सदियों पुराने मंदिर से जुड़ी जमीन को बेचने के लिए बंदोबस्ती विभाग के प्रयास का विरोध करने का भी आग्रह किया।

प्राधिकारी टिप्पणी के लिए तत्काल उपलब्ध नहीं हो सके।

स्त्रोत : आइबीसी२४

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