जहां एक तरफ मुंगेर में दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान पुलिस बर्बरता के आरोपों की ख़बरों से देश उबरा भी नहीं था कि दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से ऐसी ही ख़बरें आ रही हैं। मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के दौरान सिटी कोतवाली पुलिस ने गाड़ी रोक ली। इस कारण लोग आक्रोशित हो गए और थाने में जम कर विरोध प्रदर्शन किया। पत्थरबाजी के बाद पुलिस ने लाठियां चटकानी शुरू की, जिसके बाद श्रद्धालु विसर्जन छोड़ कर भागने लगे।
‘दैनिक भास्कर’ की खबर के अनुसार, पुलिस ने श्रद्धालुओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। फिर पुलिस लाइन से अतिरिक्त बल भी बुलाया गया। सिटी कोतवाली से पचरीघाट तक पुलिस की तैनाती के बाद विसर्जन फिर से शुरू कराया गया। ये घटना मंगलवार (अक्टूबर 27, 2020) की देर रात साढ़े 10 बजे की है। घटना उस समय हुई, जब दुर्गा विसर्जन के क्रम में लोग गाते-बजाते हुए प्रतिमा लेकर विसर्जन के लिए जा रहे थे।
तेलीपारा दुर्गोत्सव समिति के लोग जैसे ही पुलिस थाने के पास से गुजरे, पुलिस ने शोर-शराबे का हवाला देते हुए उनकी डीजे गाड़ी को जब्त कर लिया और अपने साथ थाने लेकर चले गए। इसके बाद मां दुर्गा की प्रतिमा वाली गाड़ी भी रोक दी गई। फिर समिति के लोग वहां से थाने पहुँचे। यहां उनके लाख गुहार लगाने के बावजूद पुलिस ने डीजे गाड़ी नहीं छोड़ी। इससे श्रद्धालु आक्रोशित हो गए और उनकी पुलिस के साथ कहासुनी शुरू हो गई।
भीड़ और पुलिस के बीच कहासुनी के दौरान ही किसी ने थाने में एक पत्थर चला दिया और यहीं से बात बिगड़ गई। टीआई कलीम खान के नेतृत्व में पुलिस बल ने श्रद्धालुओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटना शुरू कर दिया। इससे आम लोग भी भड़क गए और उन्होंने नारेबाजी शरू कर दी। इसकी सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुँच कर विसर्जन को पूरा कराया। देर रात तक बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहे।
बिलासपुर में हर साल दुर्गा पूजा काफी धूमधाम से होता है लेकिन इस बार कोरोना के कारण कम संख्या में ही पंडाल बनाए गए थे। ये पहली बार हुआ है जब रात में गाड़ी रोक कर पुलिस ने इस तरह लाठियां चटकाई। एक कॉन्स्टेबल ने तो तेलीपारा पूजा समिति के एक सदस्य की पिटाई भी कर दी। टीआई कलीम खान का कहना है कि भीड़ थाने में घुस गई थी, इसीलिए उन्हें खदेड़ा गया। दावा किया कि उनके पास वीडियो है। एसएसपी सिटी उमेश कश्यप ने कहा कि थाने में घुसने वालों पर कार्रवाई होगी।
इससे पहले जिला प्रशासन ने आदेश दिया था कि मूर्ति की ऊँचाई 6 फीट और चौड़ाई 5 फीट और मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15 वर्गफीट से अधिक नहीं होना चाहिए। पंडाल के सामने पर्याप्त खुली जगह हो। पंडाल एवं सामने खुली जगह से सड़क अथवा गली प्रभावित न हो। पंडाल में दर्शकों के बैठने के लिए पृथक व्यवस्था न हो। कुर्सी न लगाया जाए। किसी भी एक समय में पंडाल में सामने मिलकर कुल 20 व्यक्ति से अधिक नहीं होने चाहिए। एक पंडाल से दूसरे पंडाल की दूरी 250 मीटर से कम न हो।
संदर्भ : OpIndia