वैशाख कृष्ण ३ , कलियुग वर्ष ५११५
श्रीनगर – जम्मू नगरके बनिहाल क्षेत्रके विशाल पीर पन्जल पर्वतपर दुर्लभ शिवलिंग मिला है । यह शिवलिंग इ.स. पूर्व ७०७ के वर्षकालका होनेका अनुमान व्यक्त किया जा रहा है ।
१. कश्मीरी पंडितोंके एक गुटने पहली बार पर्वतके धोखादायी क्षेत्रमें जाकर शिवलिंगकी पूजा की । जम्मू-कश्मीर प्रशासनने भारतीय पुरातत्व विभागको इस गुफाकी सूचना देकर शिवलिंगसे संबंधित रहस्य खोलनेकी मांग की है ।
२. यह शिवलिंग ११ सहस्र ५०० फीटकी उंचाईपर स्थित एक गुफामें मिला है । इ.स. पूर्व ७०७ में जम्मू-कश्मीरके तत्कालीन राजा मेहरकुलजीने इस शिवलिंगकी स्थापना की थी, ऐसा इतिहासकारोंका कहना है ।
३. वर्ष २००५ में भगवान शिव मेरे सपनेमें आए तथा उन्होंने पर्वत स्थित इस गुफामें शिवलिंग होनेका दृष्टांत मुझे दिया, ऐसा खुर्शीद चोपन नामके एक स्थानीय मुसलमानका दावा है । ८ वर्ष ढूंढनेपर उसे यह गुफा मिली ।
४. श्री. विनोद पंडितजीने बताया, हम पैदल चलके नवरात्रिकी पहली रातको गुफामें पहुंचे तथा उस जगहपर हमने पूजा की ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात