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बांग्लादेश : इस्लाम को लेकर फेसबुक पर कॉमेंट करनेवाली हिंदू लड़की 6 दिन से गायब

बांग्लादेश के सदरघाट स्थित जगन्नाथ यूनिवर्सिटी की छात्रा तिथि सरकार दुर्गा पूजा मंडप के दर्शन के लिए जाते समय गायब हो गईं और उनका 6 दिनों से कोई अता-पता नहीं है। तिथि सरकार को यूनिवर्सिटी द्वारा भी सस्पेंड कर दिया गया था। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने फेसबुक पर इस्लाम और पैगम्बर मुहम्मद पर टिप्पणी की थी, जो वहाँ ईशनिंदा के तहत आता है। हालाँकि, हिंदू संगठनों ने उन पर लगे आरोपों को झूठा बताया है।

तिथि जूलॉजी की छात्रा हैं। उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से धार्मिक भावनाओं का अपमान करने के आरोप में जगन्नाथ विश्वविद्यालय अधिनियम -2005 की धारा 11 (10) के तहत विश्वविद्यालय से अस्थायी रूप से निष्कासित कर दिया गया था। उन्हें ‘कारण बताओ नोटिस’ में यह भी पूछा गया था कि आखिर उन्हें विश्वविद्यालय से हमेशा के लिए क्यों नहीं निष्काषित किया जाए? तिथि ने 24 अक्टूबर को अपने निष्कासन के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन भी किया था।

तीसरी वर्ष की छात्रा तिथि सरकार रविवार (अक्टूबर 25, 2020) को दुर्गा पूजा मंडप के दर्शन के लिए जा रही थीं। उससे पहले वो पल्लाबी पुलिस थाने भी गई थीं। उनकी बहन स्मृति रानी ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस का कहना है कि वो छात्रा की तलाश तो कर रही है लेकिन अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है। पुलिस का कहना है कि तिथि ने अपना फेसबुक अकाउंट हैक होने को लेकर भी मामला दर्ज कराया था।

जगन्नाथ विश्वविद्यालय ने एक कमिटी बना कर तिथि की टिप्पणियों की जांच के लिए 3 सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा था। विश्वविद्यालय ने इस बात से अनभिज्ञता जताई है कि छात्र गायब हुई है। उसका कहना है कि परिवार ने उसे अभी तक इस बारे में कुछ नहीं बताया है। पत्रकार शम्मी हक़ ने सोशल मीडिया पर तिथि के सस्पेंशन ऑर्डर को शेयर किया और लिखा कि फ़्रांस विरोधी प्रदर्शन अब एक भयावहता में बदलता जा रहा है।

बांग्लादेश से भी पाकिस्तान की तरह ही हिन्दुओं को प्रताड़ित करने की खबरें आती रहती हैं। जुलाई 2019 में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की दुर्दशा को बयान करने वाली महिला पर बांग्लादेश में देशद्रोह का मुकदमा का निर्णय लिया गया था। बांग्लादेश हिन्दू बुद्धिस्ट क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल (HBCUC) की पदाधिकारी सचिव प्रिया साहा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कहा था कि उसके देश में अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जा रहा है।

संदर्भ : OpIndia

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