वैशाख कृष्ण ३ , कलियुग वर्ष ५११५
धमतरी (छत्तीसगड) – ‘हिंसासे दूर रहता है, वह हिंदू । हिंदुओंने हमेशा विश्वकल्याणका ही विचार किया है । हिमालयसे हिंद महासागरतक रहनेवाला हर व्यक्ति हिंदू ही है । वर्तमानमें हिंदुओंमें जागृति करनेकी आवश्यकता है ’, ऐसे उद्गार हिंदू संमेलनके प्रमुख अतिथी जामडी आश्रम, पाटेश्वर धामके संत बालकदासजीने कहे । संमेलनमें ५ सहस्र धर्माभिमानी उपस्थित थे ।
संमेलनको संबोधित करते हुए अखिल भारतीय धर्म जागरण समन्वय समितिके श्री. राजेंद्रजीने कहा, ‘भारतका आकार दिन-ब-दिन घटता जा रहा है । हिंदुओंकी संख्या भी घटती जा रही है । दूसरे धर्मके लोग भारतमें जितने सुरक्षित हैं, उतने इरान, इराक अथवा पाकमें नहीं । इसके विपरित बांगलादेशसहित दूसरे देशोंमें हिंदुओंकी स्थिती अति दयनीय है ।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघके सहकार्यवाह श्री. चंद्रशेखर वर्माजीका भी इस अवसरपर भाषण हुआ । हिंदू समाज सर्वश्रेष्ठ है, ऐसा उन्होंने कहा । आयोजन समितिके संयोजक सुबोध राठीजीने कहा, ‘हम अंग्रेजोंकी गुलामीसे भले ही मुक्त हो गए; किंतु हमारी मानसिकता अभीतक बदली नहीं है । ’
संमेलनमें देवपूर स्थित कबीर आश्रमके श्री रविकर महाराज उपस्थित थे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात