रूस की पहल के बाद अजरबैजान और अर्मेनिया के बीच युद्ध पर भले ही विराम लग गया हो, लेकिन वहाँ अभी भी युद्ध और तनाव जैसी स्थिति बनी हुई है। अब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें अजरबैजान का एक सैनिक चर्च के ऊपर चढ़ कर ‘अल्लाहु अकबर’ का नारा लगाते हुए देखा जा सकता है। ये वीडियो करबाख का बताया जा रहा है, जहाँ कई महीनों से युद्ध चल रहा था।
बता दें कि जहाँ अजरबैजान इस्लामी मुल्क है, अर्मेनिया में ईसाईयों की जनसंख्या ज्यादा है। वीडियो में कई अन्य लोग भी दिख रहे हैं, जो चर्च के ऊपर चढ़े अजरबैजान के सैनिक के ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे के बाद पीछे से उसे दोहराते हुए उसका समर्थन करते हैं। कहा जा रहा है कि इसे करबाख के एक शहर में शूट किया गया, जिस पर अजरबैजान के सैनिकों ने फ़िलहाल कब्ज़ा कर के रखा हुआ है।
In the year of us reclaiming Shri Rāmajanmabhūmī after 500 years, this picture is sobering one. This is what our ancestors endured. NaMo’s victories should not put us at ease
And this is what awaits Somnath, Ayodhya, Thanjavur and Kāmākhyā again if Hindus fail in their vigilance
— Kaal Chiron काल्किरण (@Kal_Chiron) November 15, 2020
उक्त व्यक्ति ने चर्च के ऊपर चढ़ कर कई बार ‘अल्लाहु अकबर’ का नारा लगाया। इससे पहले सुशी नामक अर्मेनिया के शहर के एक चर्च को तबाह किए जाने के बाद की एक तस्वीर वायरल हो गई थी, जिसके बारे में बताया गया था कि इस्लामी कट्टरवादी चर्चों को इसीलिए निशाना बना रहे हैं, क्योंकि अर्मेनिया ने एक इस्लामी मुल्क के साथ युद्ध किया। तुर्की जैसे देशों ने भी खुल कर अजरबैजान का समर्थन किया और उसे उकसाया।
Jihaddist-mercenaries brought by @presidentaz & @RTErdogan to conquer #Artsakh are doing exactly what they are supposed to do with #Armeinan cultural heritage.@UNESCO @Jos_Douma @NLMFAEurope @MFA_Lu @BuZaTweedekamer @nl_intrelations pic.twitter.com/3mwsH4hQ5S
— Tigran Balayan (@tbalayan) November 14, 2020
इससे पहले अजरबैजान के नेतृत्व ने घोषणा की थी कि वो करबाख में न सिर्फ अर्मेनिया के लोगों की रक्षा करेंगे, बल्कि उनके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा का भी जिम्मा उठाएँगे। लेकिन, अब जिस तरह से वहाँ चर्चों को तबाह करने का सिलसिला चल निकला है, उससे लगता है कि उनकी सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। कई ईसाई संगठनों ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
बता दें कि इधर आर्मेनियन असेंबली ऑफ अमेरिका ने भी अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बायडेन को बधाई देते हुए माँग की है कि अमेरिका में अजरबैजान और तुर्की के प्रभाव को लेकर जाँच बिठाई जाए। उसने ISIS के साथ तुर्की के गठबंधन के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि क्षेत्र में अशांति के लिए तुर्की ही जिम्मेदार है और उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। अमेरिका में आर्मेनिया के नागरिकों ने भी तुर्की पर शिकंजा कसने की माँग की है।
संदर्भ : OpIndia