पश्चिम बंगाल में करीब एक महीने पहले एक 14 वर्ष की लड़की के अपहरण की खबर आई थी। नाबालिग हिन्दू लड़की का उससे उम्र में काफी बड़े एक व्यक्ति ने अपहरण किया था। हाल ही में उसे गुजरात से बरामद किया गया। अब पीड़िता ने खुलासा किया है कि आरोपित ने उसे बंदी बना कर रखने के दौरान जबरन कुरान पढ़वाया। साथ ही वो उससे जबरन नमाज भी पढ़वाता था। उसे इस्लामी तौर-तरीके अपनाने को बाध्य किया गया। आरोपित का नाम सोहिदुल रहमान है।
‘स्वराज्य’ में प्रकाशित स्वाति गोयल शर्मा की खबर के अनुसार, एक NGO ने लड़की को बरामद करने में मदद की और संगठन के कार्यकर्ता को लड़की ने जो कुछ भी बताया, उससे काफी बातें पता चलती हैं। आरोपित सोहिदुल रहमान उसे अरबी में कुरान की आयतें पढ़ने के लिए बाध्य करता था। उसने बताया कि वो मस्जिद में उसे लेकर तो नहीं गया था, लेकिन घर पर ही एक व्यक्ति को बुला कर ‘निकाहनामा’ पढ़ा और उससे भी पढ़वाया।
सोहिदुल रहमान ने उससे कहा कि वो अब से उसका शौहर है और साथ ही शारीरिक सम्बन्ध भी कई बार बनाने की बात सामने आई है। पीड़िता साउथ 24 परगना जिले के हमीरपुर गाँव की रहने वाली है। वो 6 अक्टूबर 2020 को गायब हो गई थी। इसके अगले दिन जीबनताला पुलिस थाने में FIR दर्ज कराई गई थी। अपहरण और नाबालिग लड़की से जबरदस्ती के मामले दर्ज किए गए थे। नई दिल्ली के NGO ‘मिशन मुक्ति फाउंडेशन’ को घटना के 5 दिन बाद इसके बारे में पता चला।
इसके बाद संगठन ने पश्चिम बंगाल के उच्चाधिकारियों के समक्ष इस मामले को उठाया। NGO के डायरेक्टर वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस ने सोहिदुल रहमान के 3 दिनों के कॉल रिकार्ड्स खँगाले और उससे NGO को अवगत कराया। ये कॉल रिकार्ड्स अक्टूबर 7 से अक्टूबर 11 तक के थे। इससे खुलासा हुआ कि रहमान अक्टूबर 8 को बिहार में था। इसके अगले दिन उसने राजस्थान को ठिकाना बनाया। इसके अगले दिन वो गुजरात चला गया।
हालाँकि, इन विवरणों से बहुत कुछ पता नहीं चल पाया। टॉवर लोकेशन नहीं मिल रही थी और NGO को आशंका थी कि इस दौरान रहमान लड़की को लेकर कहीं और निकल गया हो। तत्पश्चात NGO ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) से इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा। इसके बाद एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) और पश्चिम बंगाल की CID ने इस मामले की जाँच शुरू की।
बुधवार (नवंबर 11, 2020) को राजकोट में सोहिदुल रहमान के होने की सूचना मिली और AHTU की टीम ने वहाँ जाकर लड़की को बरामद किया। वीरेंद्र सिंह भी उसी दिन राजकोट के लिए निकल गए। बाल आयोग ने पहले ही राजकोट पुलिस को सहयोग करने का निर्देश दे दिए थे। दीपावली के 2 दिन पहले 12 नवंबर को लड़की बरामद हुई। बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने इस अभियान की सफलता को ‘लक्ष्मी पूजा’ माना।
28 वर्षीय आरोपित पहले से ही शादीशुदा है। अगर लड़की अपने साथ जबरन शारीरिक सम्बन्ध बनाए जाने की बार मजिस्ट्रेट को दिए गए बयान में कहती है तो आरोपित के खिलाफ पॉस्को एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया जाएगा। लड़की फ़िलहाल पश्चिम बंगाल CID की कस्टडी में है और उसके इच्छानुसार उसे उसके अभिभावकों को सौंप दिया जाएगा।
आज रात #गुज़रात_पुलिस द्वारा एक बच्ची को बचाया गया है, बालिका #पश्चिम_बंगाल से #बाल_तस्करी की शिकार हुई थी, @NCPCR_ ने मिशन मुक्ती फाउंडेशन की रिपोर्ट पर इसके लिए निर्देश जारी किए थे।
अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है, पोस्ट करते रहेंगे।— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) November 12, 2020
‘स्वराज्य’ ने सूत्रों के हवाले से ये भी बताया है कि सोहिदुल रहमान पीड़िता की एक रिश्तेदार महिला से बात करता था, जो उसके साथ घर में ही रहती थी। एक दिन जब उसका फोन आया तो नाबालिग ने वो फोन उठा लिया। इसके बाद सोहिदुल रहमान ने उसे बताया कि वो अगला कॉल कब करेगा और उससे बात भी करने लगा। कुछ सप्ताह बाद उसने पीड़िता के समक्ष निकाह का प्रस्ताव भी रख दिया था।
बता दें कि हरियाणा के फरीदाबाद में बीकॉम की छात्र निकिता तोमर की हत्या के बाद से देश भर में ‘लव जिहाद’ को लेकर बहस तेज़ हो गई थी। मृतका निकिता ने घटना के एक माह पहले ही आरोपित तौसीफ के खिलाफ छेड़खानी और उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की थी। मेवात के रहने वाले तौसीफ नाम के युवक पर आरोप लगा था कि उसने छात्रा निकिता तोमर (Nikita Tomar) की हत्या की। पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में हिन्दू लड़कियों के उत्पीड़न के कई मामले सामने आए हैं।
संदर्भ : OpIndia