मध्य प्रदेश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए और गायों के संरक्षण के लिए गौ कैबिनेट का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार (नवंबर 18, 2020) को ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गोधन संरक्षण और संवर्धन के लिए इस गौ कैबिनेट के गठन का निर्णय लिया गया है। पशुपालन, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह एवं किसान कल्याण विभाग – ये सभी मंत्रालय गौ कैबिनेट का हिस्सा होंगे।
प्रदेश में गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए 'गौकैबिनेट' गठित करने का निर्णय लिया गया है।
पशुपालन, वन, पंचायत व ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और किसान कल्याण विभाग गौ कैबिनेट में शामिल होंगे।
पहली बैठक 22 नवंबर को गोपाष्टमी पर दोपहर 12 बजे गौ अभ्यारण, आगर मालवा में आयोजित की जाएगी।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 18, 2020
मध्य प्रदेश में भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने बताया कि इस फैसले का उद्देश्य है कि ग्रामीण रोजगार के लिए एक वैकल्पिक स्रोत को विकसित किया जाए, जिसके लिए गायों और गाय से प्राप्त होने वाले अन्य संसाधनों के उपयोग को माध्यम बनाया गया है। उन्होंने कहा कि रोजगार का एकमात्र समाधान औद्योगीकरण ही नहीं है, अन्य विकल्पों को भी विकसित किया जाना है, ताकि हम एक पर ही आश्रित न रहें।
भाजपा ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकल्प के रूप में गौ पालन के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि ये एक ऐसा विकल्प है जो टिकाऊ है, क्योंकि पिछले 2000 वर्षों से भी अधिक समय से ऐसा होता आ रहा है। नई गाय आधारित अर्थव्यवस्था के जरिए मध्य प्रदेश की सरकार एक टिकाऊ इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करेगी, जिसके लिए गौ कैबिनेट का गठन किया गया है। साथ ही ग्रामीण सेटअप की आमदनी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।