पौष शुक्ल पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६
गया (बिहार): बोधगया के अतिया गांव में 25 दिसंबर को हिंदू से ईसाई बने 42 परिवारों को फिर से हिंदू बनाने के लिए सोमवार को हवन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को आयोजित करने वाले विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने दावा किया है कि बीते गुरुवार को ईसाई बने 34 परिवारों का हवन के दौरान शुद्धिकरण कर उन्हें फिर से हिंदू बना दिया गया है। अपने इस कदम का बचाव करते हुए हिंदू संगठनों का कहना है कि जो हिंदू धर्म में आना चाहते हैं, उनके लिए यह शुद्धिकरण का कार्यक्रम किया गया। हालात की संवेदनशीलता को देखते हुए मौके पर बड़ी तादाद में पुलिस वाले मौजूद रहे।
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गौरतलब है कि विहिप और बजरंग दल बीते कई दिनों से अतिया गांव में ईसाई बने परिवारों को फिर से हिंदू बनाने की कोशिश में लगे हुए थे। बीते शुक्रवार को विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अतिया गांव के लोगों को फिर से हिंदू बनने के लिए समझाने का प्रयास किया था। बीजेपी के स्थानीय सांसद हरि मांझी ने भी गांव वालों से बात कर योजनाओं के लाभ से वंचित परिवारों को उनका हक व अन्य सरकारी सुविधाएं दिलाने का भरोसा दिलाया था। शनिवार को भी विहिप के कार्यकर्ताओं ने अतिया के लोगों से दोबारा मुलाकात की थी।
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के गृह जिले गया में गुरुवार को 42 परिवारों ने धर्मांतरण कर लिया था। अतिया गांव में महादलितों के 77 परिवार हैं। इनमें से 35 परिवार 2008 में ही ईसाई धर्म अपना चुके थे। बाकी बचे परिवारों ने भी एक सामूहिक प्रार्थना सभा में ईसाई धर्म अपना लिया था।
ईसाई धर्म प्रचारक ब्रदर राजकिशोर का दावा था कि लोगों ने अपनी मर्जी से यह फैसला लिया है। गुरुवार दोपहर 12 बजे प्रार्थना सभा में पूरा गांव जुटा था। सभी को बाइबिल दी गई। प्रार्थना के बाद लोगों ने हाथ उठाकर ईसाई धर्म स्वीकार करने की घोषणा कर दी।
इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा था, “कोई किसी धर्म को माने। इसके लिए सभी को स्वतंत्रता है। लेकिन हम यह देखेंगे कि बिहारी अस्मिता और राष्ट्रीयता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता है अथवा नहीं। फिर भी इस घटना की जांच कराएंगे।”
स्त्रोत : दैनिक भास्कर