राष्ट्रीय एकता निर्माण करने का उद्देश्य
- देश में जब बड़े पैमाने पर ‘लव जिहाद’ की घटनाएं हो रही हैं, ऐसी योजना को लागू करना हिंदुओं के विरुद्ध देशद्रोह है !
- हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में, भाजपा सरकार ने ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून की घोषणा की थी, जबकि बंगाल और महाराष्ट्र में, भाजपा सरकार ने घोषणा की है कि वह सत्ता में आने पर कानून पारित करेगी। उत्तराखंड में घोषित करने के बावजूद ऎसी योजना जारी रखना व उसमें दी जानेवाली राशि में वृद्धि करना आश्चर्यजनक है। हिंदुओं को उम्मीद नहीं थी कि भाजपा इस तरह की योजना चलाएगी !
देहरादून (उत्तराखंड) – उत्तराखंड में भाजपा सरकार अब ऐसे जोड़ों को प्रोत्साहन के रूप में ५०,००० रुपये देगी, जो दूसरे धर्म या जाति में विवाह करेंगे । यह योजना पहले से लागू है और पहले इसके लिए १०,००० रुपये का भुगतान किया जा रहा था। वर्तमान योजना के अनुसार, जोड़ों को अपने विवाह को पंजीकृत करने और राज्य समाज कल्याण विभाग को सूचित करने की आवश्यकता होती है। विवाह के उपरांत एक वर्ष तक इस राशि के लिए आवेदन करना आवश्यक है।
१. अंतर-जातीय विवाह के मामले में, युगल को धारा ३४१ के अनुसार प्रमाणित जाति से होना चाहिए।
२. टिहरी के समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिडियाल ने कहा कि ऐसी योजनाएँ राष्ट्रीय एकता के लिए वरदान साबित हो सकती हैं। (प्रशासन के लिए यह आवश्यक है कि इस तरह के विवाहों के कारण राष्ट्रीय एकता कितनी बढ़ी और हिंदू युवाओं के साथ कितना अन्याय हुआ है, इसकी आंकडेवारी प्रकाशित करे ! – संपादक)