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केरल के चर्च में मुसलमान युवक और ईसाई युवती का विवाह करवाने से हंगामा

  • विवाह करवानेवाले पादरी ने की क्षमायाचना

  • साइरो मलबार चर्च ने दिया घटना की जांच का आदेश

ऐसे विवाह को ‘प्रेम’ कहनेवाले धर्मनिरपेक्षतावादी अब क्यों चुप हैं ? वे इसके लिए चर्च का विरोध क्यों नहीं करते अथवा ‘चर्च का विरोध उचित है; परंतु हिन्दुओं ने ‘लव जिहाद’ कहते हुए उसका विरोध किया तो वह अनुचित है’, ऐसा उन्हें लगता है ?

कोच्चि (केरल) – यहां के साइरो मलबार चर्च के नियंत्रण में यहां के कदवंथरा सेंट जोसेफ चर्च में ९ नवंबर को मुसलमान युवक और ईसाई युवती का विवाह हुआ था । समाचारपत्रों में इस विवाह का छायाचित्र भी प्रकाशित हुआ था । इस पर उत्पन्न विवाद के कारण विवाह करवानेवाले मार मैथ्यू वानीकिजक्केल और विवाह में उपस्थित अन्य एक पादरी को क्षमायाचना करनी पडी है । साइरो मलबार चर्च के नियमों के अनुसार इस प्रकार का विवाह अवैध है । कार्डिनल मार जॉर्ज एलेनचेरी ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं । इस संदर्भ में उन्होंने एर्नाकुलम-अंगमाली डायोसेक के आर्चबिशप मार एंटोनी कारिल से ब्यौरा मांगा है ।

केरल में हो रही ‘लव जिहाद’ की घटनाओं के पीछे इस्लामिक स्टेट ! – कैथॉलिक पादरियों का संगठन

केरल के कैथॉलिक पादरियों के संगठन का कहना है कि ऐसी घटनाओं के लिए ‘लव जिहाद’ की समस्या है । इसके पीछे इस्लामिक स्टेट का हाथ है । लव जिहाद के माध्यम से महिलाओं का बलपूर्वक धर्मांतरण किया जा रहा है । पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने इस विषय पर चुप रहने की धमकी दी है; क्योंकि इस संगठन को यह लगता है कि सीएए कानून के विरुद्ध चलाए जा रहे उनके आंदोलन पर इसी से लगाम लगेगी ।

लव जिहाद को रोकने के प्रति पुलिस और प्रशासन गंभीर नहीं है ! – केरल चर्च

केरल के चर्च का यह कहना था कि कुछ महीने पूर्व केरल के २१ युवक इस्लामिक स्टेट में भर्ती हुए, जिनमें से आधे धर्मांतरित ईसाई थे । केरल में चल रहे ‘लव जिहाद’ को रोकने के प्रति पुलिस और प्रशासन गंभीर नहीं है ।

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