लव जिहाद कानून का विरोध करनेवाले ओवैसी जैसे कट्टर नेता क्या मुस्लिम युवतियों को हिन्दू युवकों के साथ विवाह की अनुमति देंगे ?
कट्टर जिहादियों द्वारा अन्य धर्म की युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनके साथ निकाह कर ‘लव जिहाद’ के द्वारा उनका इस्लाम में धर्म-परिवर्तन करने का षड्यंत्र चलाया जा रहा है । इस संबंध में केवल भारत के हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन ही नहीं, अपितु केरल के अनेक ईसाई संगठनोंसहित अंतरराष्ट्रीय सिक्ख और ईसाई संगठनों ने भी आवाज उठाई है । वैश्विक स्तर पर भी इंग्लैंड, म्यांमार आदि देशों में गैरमुस्लिम समुदायों द्वारा ‘लव जिहाद’ के विरुद्ध आवाज उठाई जा रही है । पाकिस्तान में किस प्रकार हिन्दू तथा अन्य धर्म की अल्पायु लडकियों का अपहरण कर उनका निकाह वयस्क मुस्लिम पुरुषों के साथ किया जाता है और इस्लामिक स्टेट में यजिदी युवतियों पर किस प्रकार अत्याचार किए गए, यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर हुआ है । रूस में तो वहां की मुस्लिम उलेमा काऊन्सिल ने मुस्लिम पुरुषों पर अन्य धर्म की युवतियां से विवाह करने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है । यह सब स्पष्ट होते हुए भी एमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, साथ ही कांग्रेसशासित राज्यों के मुख्यमंत्री ‘लव जिहाद’ कानून का विरोध कर रहे हैं । यही गिरोह इससे पहले ‘सीएए’, ‘एनआरसी’ जैसे देशहित के कानून और ‘ट्रिपल तलाक’ पर प्रतिबंध लगाकर मुस्लिम महिलाओं को आधार देनेवाले कानून के विरुद्ध सडक पर उतरा था । इसके कारण हिन्दू जनजागृति समिति ने आवाहन किया है कि लव जिहाद कानून का विरोध करनेवाले ये लोग प्रेम का समानरूप से सम्मान कर मुस्लिम युवतियों को हिन्दू युवकों से विवाह की अनुमति दें ।
लव जिहाद कानून के विरुद्ध संविधान के 14 और 21 वें अनुच्छेदों का उदाहरण देनेवाले ओवैसी को क्या संविधान में विद्यमान समानता का मुलभूत तत्त्व स्वीकार है ? यदि है, तो पहले मुस्लिमों के लिए प्रावधित बहुपत्नीत्व, मुस्लिम पर्सनल बोर्ड सहित अन्य सभी कानून और सुविधाएं रहित कर समान नागरिक कानून की मांग करने का नैतिक साहस दिखाएं । साथ ही देहली के हिन्दू युवक राहुल राजपूत ने मुस्लिम युवती से प्रेम करने पर मुस्लिम समूह के द्वारा उसकी अमानवीय पद्धति से हत्या क्यों की गई, इसका उत्तर दें । इस संदर्भ में कांग्रेस के मुख्यमंत्री और नेता अपना मुंह क्यों नहीं खोलते ? बॉलिवुड ने अनेक दशकों से फिल्मों के माध्यम से ‘लव जिहाद’ को बढावा देने का जो काम किया है, वही नेटफ्लिक्स जैसे ओटीटी प्लैटफॉर्म वेबसीरीज ‘ए सुटेबल बॉय’ द्वारा मंदिर में मुस्लिम युवक और हिन्दू युवती का चुंबनदृश्य दिखाने के माध्यम से आगे बढा रहे हैं ।
केरल में अनेक ईसाई युवतियों को लव जिहाद के षड्यंत्र में फंसाकर इस्लामिक स्टेट की पहली लडाई के लिए सिरिया भेजने की घटना उजागर होने पर केरल के ‘सायरो मलबार चर्च’ सहित अनेक ईसाई संगठनों ने आवाज उठाई थी । केवल एक मुस्लिम युवक ने अन्य धर्म की युवति से विवाह किया; इसलिए यह विरोध नहीं है, अपितु एक बडे अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के अंतर्गत हिन्दू युवतियों के साथ हो रही धोखाधडी रोकने के लिए ‘लव जिहाद’ विरोधी कानून की मांग हो रही है । अतः हमारी मांग है कि केंद्र सरकार अब राष्ट्रीय स्तर पर ही कठोर कानून बनाए ।