कर्नाटक में हसन जिले के पेंशन मोहल्ले में अवैध रूप से गोहत्या करने वालें गिरोह का पर्दाफाश करने वाली एक महिला पत्रकार पर एक हिसंक भीड़ से हमला कर दिया। भीड़ में मौजूद बुर्का पहनी महिलाओं ने पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार किया, साथ ही उसे जान से मारने की धमकी भी दी गई।
विजया टाइम्स की प्रधान संपादक और वरिष्ठ पत्रकार विजयलक्ष्मी शिबरूर को शहर में अवैध रूप से गौ हत्या करने वाले माफियाओं के बारे में जानकारी मिली थी। जिसकी पड़ताल के लिए वे और उनकी टीम हसन जिले के उस इलाके में रिपोर्टिंग करने पहुँचे। इन्वेस्टिगेशन के दौरान महिला पत्रकार ने बताया कि जिले में गोहत्या पर प्रतिबंध के बावजूद शहर के ये अवैध बूचड़खाने किस तरह से संचालित होते हैं।
महिला पत्रकार ने एनजीओ और पुलिस अधिकारियों के साथ शहर में चार अवैध बूचड़खानों और पाँच मवेशी होर्डिंग स्थानों का दौरा किया। वहीं जैसे ही उन्होंने मवेशियों को बचाने के लिए इन अवैध बूचड़खानों में से एक में प्रवेश करने की कोशिश की उसी दौरान एक गुस्साई भीड़ (जिसमें बुर्क़ा पहने महिलाएँ शामिल थीं) ने पत्रकार को चारों ओर से घेरते हुए उन्हें रिपोर्टिंग करने से रोक दिया।
भीड़ ने न केवल पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार किया बल्कि उसके साथ छेड़छाड़ की, साथ ही वहाँ से नहीं निकलने पर उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी।
यहाँ मौजूद फुटेज में आप देख सकते है कि किस तरह गुस्साई भीड़ द्वारा महिला पत्रकार पर हमला करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी के बावजूद बुर्का पहनी महिलाओं ने पत्रकार पर हमला किया। वहीं पूरी घटना के दौरान असहाय पुलिस अधिकारी मूकदर्शक बने रहे।
वहीं उस स्थान से नहीं जाने पर भीड़ ने पत्रकार को जान से मारने की धमकी भी दी। घटनाक्रम के दौरान अवैध मवेशी तस्कर ने अन्य मवेशियों को छिपा दिया, जिस वजह से एनजीओ केवल कुछ जानवरों को बचाने में कामयाब रहे।
कथित तौर पर हसन बाबू और रहमान द्वारा इलाके में चार अवैध बूचड़खाने संचालित किया जा रहा था। जिन्होंने लगभग 100 मवेशियों को बंधक बनाया हुआ था।
वहीं घटना के बाद एक स्थानीय पुलिस स्टेशन में इस मामले को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
संदर्भ : OpIndia