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गोवा इन्क्किजिशन का रक्तरंजित इतिहास सामने लाने के लिए ट्विवटर पर ट्रेंड हुआ #GoaInquisition

राष्ट्रीय ट्रेंड में प्रथम स्थान पर

१९ दिसंबर अर्थात आज गोवा मुक्तिदिन मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन गोवा को अत्याचारी पोर्तुगीज सत्ता से 451 वर्ष के बडी अवधि के बाद स्वतंत्रता मिली थी । हिन्दुओं को 1560 से 1812 के बीच 252 वर्षों तक चलाए गए गोवा इनक्विजिशन का उद्देश्य यही था कि, जो हिन्दू ईसाई बनने से मना करता था या जो हिन्दू बलपूर्वक ईसाई बने है वह यदि हिन्दू धर्म का पालन करते हुए पाए गए, तो ऐसे लोगों को बहुत क्रूर पद्धति से सजा दी जाती थी । किंतु यह भयावह वास्तव ना तो आज भारत के इतिहास में कहीं पढाया जाता है और न कही इसपर बात की जाती है।

आज गोवा मुक्तिदिन के अवसर पर इस वास्तव को सामने लाने हेतु आज धर्मप्रेमियों द्वारा ट्विटर पर #GoaInquisition यह हॅशटॅग चलाया गया । यह ट्रेंड शीर्ष स्थान पर था । इस ट्रेंड में ३० हजार से अधिक ट्विट्स हुए ।

नेटिजन्स ने ट्रेंड में गोवा इन्क्किजिशन का इतिहास पाठ्यक्रम में समाविष्ट करने के साथ इस अत्याचार के लिए पोप ने माफी मांगने की भी मांग की गई ।

ट्रेंड में एक यूजर ने कहा, पोर्तुगीजों का राज्य अंग्रेजों से भी अधिक क्रूर था  । गोवा ‘इन्क्विजिशन’का इतिहास पाठ्यपुस्तकों मे समाविष्ट किया जाना चाहिए, साथ ही इस पर आधारित एक संग्रहालय भी बनाया जाना चाहिए ।

एक ने कहा, ईसाई मिशनरियों द्वारा दी गई असह्य वेदना के उपरांत भी हिन्दू धर्म का त्याग न करनेवाले गोवा के मूल निवासियों ने ‘स्वधर्मे निधनं श्रेयः|’ का पालन कर धर्मरक्षा की मिसाल रखी है !

अन्य एक ने कहा, गोवा में हाथ कातरो स्मारक जो कि इस अत्याचारों का साक्षी है, वो आज दुर्लक्षित है । इसे संरक्षित स्मारण का दर्जा प्राप्त होना चाहिए, ऐसी मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से मांग की ।

ट्रेंड के कुछ ट्विट्स..

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