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ओडिशा: प्राचीन दक्षेश्वर मंदिर से अष्टधातु की 22 मूर्तियां चोरी, सैकड़ों साल से विराजमान थीं

ओडिशा के प्राचीन और ऐतिहासिक दक्षेश्वर मंदिर में बड़ी चोरी की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि यहाँ से लगभग 22 मूर्तियों की चोरी हो गई है। ये मूर्तियाँ पवित्र अष्टधातु से बनी थीं और मंदिर में सैकड़ों साल से विराजमान थीं। यह मंदिर ओडिशा के खुरधा जिले में बानपुर नोटिफाइड एरिया काउंसिल (NAC) के मध्य में स्थित है।

घटना सोमवार (दिसंबर 21, 2020) देर रात की है। बानपुर पुलिस के पास दर्ज शिकायत के अनुसार प्रसिद्ध हिंदू मंदिर के गर्भगृह से कीमती और सदियों पुरानी मूर्तियों को चुरा लिया गया है। चोरी हुई मूर्तियों में माँ कनक दुर्गा, गोपीनाथ देव, कलियुगेश्वर देव और चंद्रशेखर देव आदि शामिल हैं। मूर्तियों की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है।

चोरों ने दक्षेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार का तोड़ दिया था। सुबह जब पुजारी मंदिर में पूजा करने के लिए गए तो उन्होंने देखा कि मेन गेट और गर्भगृह के दो दरवाजों के ताले टूटे हुए हैं। जब वे अंदर गए तो उन्होंने पाया कि मंदिर में विराजमान कुल 31 मूर्तियों में से 22 मूर्तियाँ गायब थी। कुछ मीडिया रिपोर्टों में चोरी हुई मूर्तियों की संख्या 21 भी बताई जा रही है।

रिपोर्टों के अनुसार, पुजारी ने सुबह मंदिर में पूजा करने के लिए प्रवेश किया तो देखा कि मुख्य दरवाजे के ताले और गर्भगृह के दो दरवाजे टूटे हुए थे। उन्होंने देखा कि कुल 31 मूर्तियों में से 22 मंदिर से गायब थीं। इसके बाद पुजारी ने तुरंत मंदिर समिति के सदस्यों को चोरी की जानकारी दी। समिति सदस्यों ने चोरी की सूचना बानपुर पुलिस को दी।

बानपुर आईआईसी संजय पटनायक अपनी टीम के साथ मौके पर पहुँचे और जाँच शुरू की। उप-निरीक्षक बिजय मल्लिक, राज किशोर बेहरा, एएसआई बसंत पटनायक, नमिता नायक और अन्य पुलिस अधिकारी घटना की जाँच कर रहे हैं। पुजारी ने आशंका जताई है कि चोर इस प्राचीन मूर्ति को अंतरराष्ट्रीय मार्केट में ऊँचे दामों पर बेच सकते हैं। इस दौरान यह भी पता चला है कि इस तरह की घटना पहले भी इस मंदिर में दो बार हो चुकी है।

बताया जा रहा है कि यह प्राचीन मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की देखरेख में है। एएसआई के एक अधिकारी तारिणीसेन प्रधान ने इस बाबत कहा, “मैं सोमवार को ड्यूटी पर था। मैंने घर के लिए निकलने से पहले कल रात लगभग 8 बजे मंदिर के दरवाजे और मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया था। आज सुबह जब मैं मंदिर पहुँचा तो मुझे मंदिर के दरवाजे खुले मिले। मैंने तुरंत अपन् वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी।”

संदर्भ : OpIndia

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