रायबरेली के मोहम्मद अनवर ने इस्लाम को छोड़ दिया था। स्वेच्छा से हिंदू बन कर देव प्रकाश नाम भी रख लिया था। भक्ति-भाव में आकर अपनी जमीन पर मंदिर बनवा रहे थे। लेकिन कट्टरपंथियों को यह रास नहीं आया और जिस घर में वो अपने 3 बच्चों के साथ सो रहे थे, उसमें आग लगा दिया।
पीड़ित देव प्रकाश ने गाँव के प्रधान ताहिर, रेहान उर्फ सोनू, अली अहमद, इम्तियाज सहित मदरसे के लोगों पर घर में आग लगा कर जिंदा जलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। इन सभी के खिलाफ UP पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज की गई। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
घटना में शामिल लोग गिरफ़्तार कर लिए गए हैं, ग्राम प्रधान फ़रार है, गिरफ़्तारी के लिए छापे जारी है। https://t.co/t9owRpEBhR pic.twitter.com/61Alumcg6D
— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) January 3, 2021
देव प्रकाश (पहले मोहम्मद अनवर) को बच्चों सहित जिंदा जलाने की मंशा के साथ उनका घर जलाने की इस घटना में आरोपित गाँव का प्रधान फरार है। उसकी गिरफ़्तारी के लिए UP पुलिस छापे मार रही है। यह जानकारी CM योगी के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने ट्वीट कर दी है।
मंदिर बना कारण?
दैनिक भास्कर में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़ देव प्रकाश पटेल अपने घर के नज़दीक स्थित ज़मीन पर मंदिर का निर्माण कराने जा रहे थे। इस बात से गाँव के कुछ लोग उनसे काफी नाराज़ हो गए थे। इस बात को आधार बनाते हुए शनिवार देर रात कई लोगों ने उनके घर को आग के हवाले कर दिया।
इस वारदात को अंजाम देने से पहले आरोपितों ने देव प्रकाश के घर के दरवाज़े भी बंद किए थे। आग बढ़ने के बाद बच्चों ने चीखना शुरू कर दिया, जिसके बाद देव प्रकाश ने पीछे का दरवाज़ा तोड़ कर अपनी और अपने बच्चों की जान बचाई।
घटना के बाद जिलाधिकारी और एसपी ने भी पीड़ित देव प्रकाश से मुलाक़ात की। डीएम ने देव प्रकाश को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। इसके अलावा विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने भी पीड़ित से मुलाक़ात की।
छोड़ दिया था इस्लाम
सितंबर 2020 में रायबरेली, सलोन स्थित रतासो गाँव के निवासी मोहम्मद अनवर ने केकोगना घाट पर हिन्दू धर्म में वापसी की थी। धर्मांतरण के बाद मोहम्मद अनवर ने अपना नाम देव प्रकाश पटेल रख लिया था। धर्मांतरण के बाद उसके तीन बच्चों रेहान, अली और ख़ुशी का नाम देव नाथ, देवी दयाल और दुर्गा देवी कर दिया गया था। देव प्रकाश पटेल ने मुंडन करवाने के बाद पूरे विधि-विधान से हिन्दू धर्म में वापसी की थी।
संदर्भ : OpIndia