मध्य प्रदेश के इंदौर से एक बेहद ही सनसनीखेज मामला सामने आ रहा है, जहां एक लड़की ने अपने ही माता-पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है कि वे उसका जबरन धर्मांतरण करवा रहे थे। हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने जबरन धर्मान्तरण के लिए एक नया अध्यादेश जारी किया है। पुलिस ने 25 वर्षीय युवती की शिकायत पर मामला दर्ज करते हुए उसके माता-पिता समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले की जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने दी है।
इस मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी से पहले बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ईसाई समुदाय के एक केंद्र में कई लोगों का धर्म जबरन बदलने की कोशिश का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया था। भंवरकुआं पुलिस थाने के प्रभारी संतोष कुमार दूधी के मुताबिक शालिनी कौशल (25) ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनकी माँ रानी कौशल और पिता राकेश कौशल नानी के घर ले जाने का झाँसा देकर उन्हें ईसाई समुदाय के सत्प्रकाशन संचार केंद्र में चल रही प्रार्थना सभा में ले गए थे। यह केंद्र भंवरकुआं पुलिस थाने के ठीक पीछे स्थित है।
इंदौर के पास स्थित गुजरखेड़ा गाँव से ताल्लुक रखने वाली युवती के हवाले से प्राथमिकी में कहा गया है, “वहां (सत्प्रकाशन संचार केंद्र) कुछ लड़कियाँ थीं जो मेरे हाथ-पैर खींचकर मेरे साथ मारपीट कर रही थीं। मुझे वहां एक हॉल में जबरन बैठाकर रखा गया था। बहुत सारे लोग मंच पर प्रभु यीशु के गाने बजा रहे थे। वे मुझे इन गानों पर नाचने के लिए बोल रहे थे। मैं हिंदू धर्म में जन्मी हूँ और इसी धर्म का पालन करती हूँ। प्रभु यीशु में मेरी कोई आस्था नहीं है, न ही मैं ईसाई धर्म अपनाना चाहती हूँ।”
लड़की का कहना है कि उसकी मम्मी और वहां (प्रार्थना सभा) ईसाई धर्म के आयोजकों द्वारा उसका जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा था। थाना प्रभारी के मुताबिक युवती की शिकायत पर उसके माता-पिता और गणतंत्र दिवस पर आयोजित विवादास्पद प्रार्थना सभा में मौजूद नौ अन्य लोगों के खिलाफ मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश 2020 के संबद्ध प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि दो आरोपितों की तलाश जारी है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के इंदौर के भंवरकुआं थाने में सैंकड़ों लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया। बताया गया कि सेंट अर्नाल्ड रिलिजियस सेंटर (चर्च) में सैंकड़ों हिंदुओं को लालच देकर बुलाया गया और उसके बाद उनका धर्म-परिवर्तन करवाया जा रहा था। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुँच गए और उन्हें रोकते हुए पुलिस को मामले की सूचना दी।
हिन्दू संगठनों का आरोप था कि यहां 150 लोगों को धर्म-परिवर्तन कराने के लिए इकट्ठा किया गया था। इनके अनुसार झाबुआ, नागदा, देवास सहित इंदौर के चंदन नगर क्षेत्र से गरीब परिवारों को यहां लाकर जबरन धर्म-परिवर्तन करवाया जा रहा था।
संदर्भ : OpIndia