16 साल की लड़की का ‘रेप’, शादी का ऑफर और निकाहशुदा अपराधी को बेल

16 साल की नाबालिग के साथ बलात्कार करने और उसे गर्भवती बनाने के 25 वर्षीय आरोपित को पॉक्सो (Protection of child from sexual offences) की विशेष अदालत ने बुधवार (27 जनवरी 2021) को जमानत दे दी। मुंबई के इस मामले में जमानत इसलिए दी गई क्योंकि आरोपित ने अदालत के सामने कहा कि वह पीड़िता से शादी करना चाहता है।

अदालत द्वारा आरोपित को जमानत देने की वजह यह थी कि निकाहशुदा आरोपित और पीड़िता के बीच सम्बंधों में ‘सहमति’ थी। इसके अलावा आरोपित ने पीड़िता (जो कि फ़िलहाल नाबालिग है) से दो साल बाद यानी 18 साल की होने पर उससे शादी करने की इच्छा जताई।

पीड़िता की माँ ने शुरुआत में इस मामले में एफ़आईआर दर्ज कराई थी और अब आरोपित की रिहाई के लिए अदालत में हलफ़नामा दायर किया है। पीड़िता की माँ का कहना था कि वह चाहती है कि आरोपित उनकी बेटी से शादी करे क्योंकि उनकी बेटी आरोपित के बच्चे को जन्म दे चुकी है।

पहली पत्नी की सहमति के सबूत नहीं

आरोपित ने दूसरी बार जमानत याचिका दायर की थी। इसके पहले अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। वहीं पुलिस ने इस जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि इस बात के कोई सबूत नहीं मौजूद हैं कि आरोपित की पहली पत्नी ने उसकी दूसरी शादी के लिए सहमति जताई थी।

पुलिस के मुताबिक़ आरोपित ने नाबालिग को अपने चंगुल में फंसाया। नाबालिग लड़की को ऐसे रिश्ते के दुष्परिणामों का अंदाज़ा नहीं था। वहीं अब आरोपित हालातों का फ़ायदा उठा कर उससे शादी करने की बात कह रहा है।

25 वर्षीय निकाहशुदा आरोपित की रिहाई की माँग करते हुए उसके वकील ने अदालत के सामने कहा, “आरोपित के मज़हब में एक से ज़्यादा निकाह करने की इजाज़त है।”

क्या है पूरा मामला?

रिपोर्ट्स के मुताबिक़ घटना का आरोपित पीड़िता के पिता का परिचित है और नाबालिग ने आरोपित के दबाव में गर्भवती होने की बात छुपाए रखी। लगाए गए आरोपों के अनुसार जब पीड़िता ने आरोपित को गर्भवती होने की जानकारी दी तब उसने नाबालिग को धमकी दी। साथ ही यह भी कहा कि वह किसी को नहीं बताए कि होने वाले बच्चे का पिता कौन है।

जब पीड़िता की माँ को उसके शरीर में बदलाव नज़र आया, तब उन्हें शक हुआ कि उनकी बेटी गर्भवती है। इसके बाद नाबालिग के परिवार ने आरोपित को खोजा और उस पर मामला दर्ज कराया। 23 अक्टूबर 2020 को उसे गिरफ्तार किया गया था।

मामले पर सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायाधीश ने फैसला सुनाया। उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि आरोपित की शादी के बारे में किसी को जानकारी नहीं थी। जैसा कि हमें बताया गया है कि नाबालिग और आरोपित एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं (पीड़िता के 18 साल की होने पर), इसके आधार पर ऐसा कहा जा सकता है कि इस सम्बंध में आपसी सहमति थी। ऐसे में आरोपित को जेल में बंद रखने के पीछे कोई वजह समझ नहीं आती है।”

संदर्भ : OpIndia

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