Menu Close

शबीना, नजमा, नीलोफर, महमूदा, फातिमा : मुंबई की महिला ड्रग्स माफिया जो चलाती हैं साम्राज्य

जहाँ एक तरफ मुंबई पुलिस और केंद्रीय एजेंसियाँ ड्रग्स के सौदेबाजों की पकड़ में लगी हुई हैं, वहीं दूसरी तरफ इस आपराधिक दुनिया में कुछ महिलाएँ भी सक्रिय हैं, जिनके बारे में बहुत कम ही लोगों को पता है। हाल के दिनों में मुंबई पुलिस ने कई महिला ड्रग्स पेडलर्स को गिरफ्तार किया है, जिसके बाद इसमें महिलाओं के अच्छी-खासी संख्या में शामिल होने की आशंका जताई गई है। अब पुलिस की नजर भी उन पर है। सुशांत सिंह राजपूत मामले में NCB की कार्रवाई के बाद भी कई नाम सामने आए। जानिए कौन हैं मुंबई की प्रमुख महिला ड्रग्स माफिया कारोबारी।

‘Mid Day’ ने 5 ऐसी महिला ड्रग्स पेडलर्स के बारे में बताया है, जिन्हें हाल के दिनों में गिरफ्तार किया गया है। महिला ड्रग्स माफिया मुंबई की झुग्गियों से इस आपराधिक इंडस्ट्री को चलाती रही हैं, जो रेंट पर अथवा खुद के होते हैं।

शबीना खान के शौहर सरफराज पर जब मुंबई पुलिस ने शिकंजा कसा तो उसकी बीवी ने कारोबार का जिम्मा सँभाल लिया। शबीना ने इसके बाद 20-25 ड्रग्स पडलेर्स के साथ अपने शौहर के इस आपराधिक कारोबार को आगे बढ़ाना शुरू किया। ANC (एंटी नारकोटिक्स सेल) की वर्ली यूनिट ने उसे कुर्ला से गिरफ्तार किया, जहाँ वो रह रही थी। उसके पास किसी और के नाम से रजिस्टर्ड कार भी मिली।

ड्रग्स का पूरा कारोबार कैश से ही चलता आ रहा है और इसमें शायद ही ऑनलाइन लेन-देन होते हों। कैश के बदले ड्रग्स माफिया संपत्ति खरीदते रहते हैं, लेकिन वे अपने नाम से ऐसा नहीं करते। वे अपने दोस्तों या रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति रजिस्टर कराते हैं। वे झुग्याँ खरीदते हैं, जिनके स्वामित्व के दस्तावेज भी पुष्ट और स्पष्ट नहीं होते। वहाँ उन्हें अपनी अवैध आय को छिपाने में आसानी होती है।

ANC की घाटकोपर यूनिट ने ऐसी ही एक ड्रग्स माफिया नजमा अहमद शेख को गिरफ्तार किया। जहाँ शबीना 50 लाख रुपए के ड्रग्स के साथ गिरफ्तार की गई थी, नजमा के पास से 73 लाख रुपए के ड्रग्स बरामद हुए। माहिम में रहने वाली नजमा का शौहर अहमद शेख हत्या के आरोप में जेल में बंद है। वो भी ड्रग्स का कारोबार कुर्ला से ही चलाती थी। वर्ली से अँधेरी तक 35-40 ड्रग्स पेडलर्स उसके अंदर काम करते थे।

उसके पास एक कार भी थी, जिसके उपयोग ड्रग्स की डिलीवरी के लिए किया जाता था। इसी तरह बांद्रा की झुग्गियों से नीलोफर शेख को गिरफ्तार किया गया। वो शबीना के साथ मिल कर काम करती थी। उसका शौहर 20 साल पहले मर चुका है, जिसके बाद उसने ड्रग्स की दुनिया में कदम रखा था। उसके पास से MD और हीरोइन नाम की 306 ग्राम ड्रग्स मिले, जिनकी कीमत 6 लाख रुपए आँकी गई थी।

पुलिस का कहना है कि ये महिला पुलिसकर्मियों के हमेशा उपलब्ध न होने के कारण उनकी तलाशी एक मुश्किल काम होती है। ‘चेम्बूर की खाला’ कही जाने वाली फातिमा शेख को भी गिरफ्तार किया गया। उसके पति पर मुंबई के कई थानों में मामले दर्ज हैं। उसके पास से 25 ग्राम हेम्प नामक ड्रग्स मिला। हालाँकि, कोरोना होने के कारण मेडिकल ग्राउंड पर वो जमानत पाने में कामयाब रही।

वो खुद ठीक से चल नहीं सकती, उसके अंदर कितने ही ड्रग्स पेडलर्स काम करते हैं। भिवंडी में उसके गैंग ने काई झुग्गी-झोंपड़ियों को अपना अड्डा बनाया है। मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट नंबर 4 ने इसी तरह महमूदा कदर शेख वाकड़ी को कुछ महीनों पहले पी डिमेलो रोड से 20 लाख रुपए की हेरोइन के साथ दबोचा था। महमूदा अपने शौहर कादर के साथ मिल कर ये कारोबार चलाती थी। बांद्रा स्टेशन की झुग्गी में रहने वाली महमूदा का शौहर पहले से ही जेल में था।

इसी तरह एक ड्रग्स पेडलर का नाम है शशिकला, जिसे बेबी पाटणकर नाम से भी जाना जाता है। 2015 में जब एक मामले में 114 किलो सफ़ेद ड्रग अजीनोमोटो बरामद हुआ था, तब पुलिस को उसके बारे में पता चला था। सतारा पुलिस के अधिकारियों पर इसके लिए गाज भी गिरी थी। पुलिस ने बताया कि रात का फायदा उठा कर ये महिला ड्रग्स माफिया अक्सर पुलिस को चकमा दे दे देती हैं। ANC का कहना है कि एक ड्रग्स माफिया की गिरफ़्तारी के बाद उसके किसी परिजन द्वारा कारोबार सँभालने की कई घटनाएँ सामने आई हैं।

संदर्भ : OpIndia

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *