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RSS कार्यकर्ता नंदू की हत्या के लिए SDPI ने हिन्दूवादी संगठन को ही बताया जिम्मेदार

केरल के अलप्पुझा में बुधवार (24 फरवरी 2021) को दो गुटों के बीच हुए संघर्ष के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता नंदू कृष्णा की हत्या कर दी गई थी। भारतीय जनता पार्टी ने आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के विरोध में अलप्पुझा जिले में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ‘हड़ताल’ का आह्वान किया है। भाजपा के अलावा कई हिन्दू संगठनों ने भी इस बंद के ऐलान का समर्थन किया है।

भाजपा और अन्य हिन्दू संगठनों द्वारा घोषित किए गए इस बंद के बाद अलप्पुझा की कई तस्वीरें भी सामने आई हैं। तस्वीरों में सड़कों और चौराहों पर बंद का प्रभाव स्पष्ट रूप से नज़र आ रहा है। केरल भाजपा के अध्यक्ष के सुरेन्द्रन ने भी आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया है कि इस हत्या के पीछे कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) का हाथ है। गौरतलब है कि एसडीपीआइ इस्लामी संगठन PFI की ही एक राजनीतिक इकाई है।

पुलिस ने इस मामले में पूछताछ के लिए 8 एसडीपीआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। पुलिस की शुरूआती जाँच में यह बात सामने आई है कि हिरासत में लिए गए एसडीपीआई के सभी कार्यकर्ता हत्या में शामिल हैं। बता दें एसडीपीआई (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया), इस्लामी कट्टरपंथी समूह पीएफ़आई का राजनीतिक संगठन है। पुलिस घटनाक्रम के तमाम पहलुओं को मद्देनज़र रखते हुए जाँच कर रही हैं।

इस घटना पर एसडीपीआई की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है, उनका कहना है कि इस मामले की जाँच होनी चाहिए। SDPI ने आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के लिए आरएसएस को ही जिम्मेदार ठहराते हुए दावा किया कि कई आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया जिसमें उनके भी कई कार्यकर्ता बुरी तरह घायल हो चुके हैं। फ़िलहाल घटनास्थल पर भारी मात्रा में पुलिसबल तैनात कर दिया गया है। बुधवार (फरवरी 24, 2021) को ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI)’ ने एक रैली निकाली थी, जिसमें हिंसा हुई थी। इसमें 6 लोग घायल भी बताए गए थे।

इसके अलावा 22 वर्षीय RSS कार्यकर्ता नंदू कृष्णा की हत्या कर दी गई थी। नंदू कृष्णा को वायलार में RSS का स्थानीय प्रमुख बनाया गया था। RSS के शाखा प्रमुख नंदू को इलाज के लिए एर्नाकुलम अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाँ उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है क्योंकि भाजपा ने दिन भर हड़ताल की घोषणा की थी।

रैली दोपहर में ही निकाली गई थी, लेकिन शाम को विरोध प्रदर्शन के बाद हिंसा हुई। बताया जा रहा था कि SDPI की रैली में कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी, जिसके खिलाफ हिन्दू कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे। नंदू के एक साथी पर भी चाकू से वार किया गया, जिनका इलाज चल रहा है। भाजपा चेरथला निर्वाचन क्षेत्र के अध्यक्ष अभिलाष मपरमपिल ने आरोप लगाया था कि पुलिस की मौजूदगी में ही इस घटना को अंजाम दिया गया।

संदर्भ : OpIndia

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