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कॉन्ग्रेस नेता राजाराम वर्मा ने की राम मंदिर के विषय में अभद्र टिप्पणी, UP पुलिस ने दर्ज किया मामला

खुद को कॉन्ग्रेस का पदाधिकारी बताने वाले एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर को लेकर अभद्र टिप्पणी की है। ट्विटर पर ‘राजाराम कॉन्ग्रेस’ नाम से सक्रिय उक्त व्यक्ति (असली नाम राजाराम वर्मा) ने अपना परिचय उत्तर प्रदेश के हरदोई में कॉन्ग्रेस सेवादल के जिला प्रवक्ता के रूप में दे रखा है। लोगों ने उसे याद दिलाया कि उसके नाम में ही ‘राजा राम’ है, ऐसे में वो अपने माता-पिता की आस्था का भी अपमान कर रहा है।

दरअसल, नई दिल्ली के एक वकील धर्मवीर यादव ने लिखा कि वो राम मंदिर के नाम पर ‘एक फूटी कौड़ी’ तक नहीं देगा। इसी ट्वीट की रिप्लाई करते हुए ‘राजाराम कॉन्ग्रेस’ ने लिखा – “आप फूटी कौड़ी न देने की बात कह रहे हैं। हम तो राम मंदिर पर मू&#गे भी नहीं।” उसकी इस टिप्पणी के बाद लोग आक्रोशित हो गए। कइयों ने उसे समझाया तो कुछ ने हरदोई पुलिस को टैग कर के कार्रवाई की माँग की।

हरदोई पुलिस ने बताया है कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक ट्वीट के संबंध में अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है। उक्त सम्बन्ध में अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ये मामला उनके संज्ञान में आया है और विवेचना के बाद शीघ्र ही आवश्यक विधिक कार्रवाई की जाएगी। राजाराम के ट्विटर हैंडल को खंगालने पर पता चलता है कि उसने कॉन्ग्रेस के कई कार्यक्रमों की तस्वीरें शेयर कर रखी हैं।

हाल ही में उसने बताया था कि उसकी पत्नी का नाम उर्मिला वर्मा है। उसकी पिछली ट्वीट्स में उसने दावा किया है कि उसकी पत्नी जिला कॉन्ग्रेस कमिटी, हरदोई की अनुसूचित जाति विभाग की उपाध्यक्ष हैं। उसने एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें उसकी पत्नी कॉन्ग्रेस के पोस्टरों के साथ सम्बोधित करते हुए दिख रही हैं। कॉन्ग्रेस के दफ्तरों में बैठकों की तस्वीरें भी उसने शेयर कर रखी है। वो पीएम मोदी पर अक्सर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ करता रहता है।

स्थानीय अखबार या न्यूज़ पोर्टलों पर उर्मिला वर्मा को लेकर कई ख़बरें हैं और कॉन्ग्रेस सेवादल और कॉन्ग्रेस अनुसूचित जाति विभाग की बैठकों में उनका जिक्र आता है। एक खबर में हमने पाया कि दिसंबर 2018 में पार्टी के अनुसूचित जाति विभाग में राजाराम वर्मा को जिला महासचिव और उर्मिला वर्मा को जिला उपाध्यक्ष का पद दिया गया है। दोनों पति-पत्नी कॉन्ग्रेस के पदाधिकारी हैं, ऐसा इन ख़बरों से झलकता है।

बता दें कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के लिए देश भर के लोगों ने दिल खोल कर निधि समर्पण अभियान में हिस्सा लिया, अपना-अपना योगदान दिया। 44 दिन तक चलने वाले राम मंदिर निधि समर्पण अभियान से कुल 1100 करोड़ रुपए आने की उम्मीद की गई थी, आ गए 2100 करोड़ रुपए से भी ज्यादा। 44 दिनों तक चला राम मंदिर निधि समर्पण अभियान 15 जनवरी 2021 को मकर संक्रांति के अवसर पर शुरू किया गया था। यह 27 फरवरी 2021 को संत रविदास जयंती के मौके पर समाप्त हुआ।

संदर्भ : OpIndia

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