हिन्दुओं के मंदिरों का सरकारीकरण, मंदिर संपत्ति की लूट, मंदिर तथा मूर्तियों की तोडफोड, मूर्तियों की चोरी, देवस्थान तीर्थक्षेत्र परिसर में अन्य पंथियों द्वारा होनेवाला धर्मप्रचार आदि अनेक प्रकार से मंदिरों पर आघात हो रहे हैं । इसके विरोध में देशभर के समस्त मंदिर न्यासी और धार्मिक संस्थाओं को संगठित कर मंदिर संस्कृति की रक्षा करना आवश्यक है । इसके लिए ‘मंदिर और धार्मिक संस्था महासंघ’ एवं ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ द्वारा 14 मार्च 2021 को दोपहर 4.30 से सायंकाल 7 बजे तक ऑनलाइन ‘मंदिर संस्कृति रक्षा राष्ट्रीय अधिवेशन 2021’ आयोजित किया जानेवाला है । इसमें अधिकाधिक मंदिर न्यासी सम्मिलित हों, ऐसा आवाहन ‘मंदिर और धार्मिक संस्था महासंघ’ के प्रवक्ता श्री. सुनील घनवट ने किया है ।
इस राष्ट्रीय अधिवेशन में मंदिरों पर किस प्रकार आघात हो रहे हैं, आघातों के विरोध में सफल संघर्ष करनेवाले संगठन तथा अधिवक्ताओं का मार्गदर्शन, मंदिर संस्कृति की रक्षा करने के लिए प्रस्ताव पारित कर आगामी दिशा निश्चित की जानेवाली है । इसमें पाकिस्तान के मंदिरों की स्थिति सिंधी समाज के पू. संतोष महाराज, कश्मीर के मंदिरों के संबंध में जम्मू के अधिवक्ता अंकुर शर्मा, कर्नाटक के मंदिरों के संबंध में श्रीराम सेना के अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक, महाराष्ट्र के मंदिरों के संबंध में हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर, ओडीशा में होनेवाली मूर्तियों की चोरी, आंध्रप्रदेश में मूर्तियों की तोडफोड, केरल के मंदिरों की पवित्रता की रक्षा तथा अन्य आघातों के संबंध में विभिन्न वक्ता संबोधित करनेवाले हैं ।
इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण यू-ट्यूब के चैनल Youtube.com/HinduJagruti द्वारा, फेसबुक के Facebook.com/HinduAdhiveshan और ट्वीटर के Twitter.com/HinduJagrutiOrg इन माध्यमों से दोपहर 4.30 बजे किया जानेवाला है । देशभर के सर्व मंदिरों के न्यासी, पुरोहित-पुजारी तथा मंदिरों से संबंधित संघर्ष करनेवाले अधिवक्ता इस अधिवेशन में अवश्य सम्मिलित हों तथा वे 70203 83264 इस क्रमांक पर संपर्क करें, ऐसा आवाहन श्री. घनवट ने किया है ।