Menu Close

ज्वालामुखी मंदिर से हटाए गए नवनियुक्त २ मुस्लिम सेवादार, मंदिर से ही मिलती रहेगी सैलरी

विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर में समुदाय विशेष के दो कर्मियों की नियुक्ति लंगर सेवादार के रूप में करने पर हिमगिरी हिंदू महासभा ने इसका पुरजोर विरोध किया था। अब बताया जा रहा है कि दोनों कर्माचारियों को हटा दिया गया है, लेकिन मंदिर भी उनको सैलरी देगा। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे प्रपत्र के अनुसार जशन दीन और शकीन मोहम्मद नाम के दो लोगों को नियुक्त किया गया था, जिसको लेकर काफी विवाद हुआ।

हिमगिरि हिंदू महासभा प्रदेश सचिव किशन शर्मा की अगुवाई में दर्जनों सदस्यों ने एसडीएम अंकुश शर्मा को इन नियुक्तियों को निरस्त करने के लिए ज्ञापन सौंपा था और चेताया था कि अगर यह नियुक्तियाँ निरस्त नहीं होती हैं तो सभा प्रदेश व्यापी आंदोलन की राह अपनाएगी।

हिमगिरि हिंदू महासभा प्रदेश सचिव किशन शर्मा ने बताया कि हिंदू मंदिर ज्वालामुखी में 32 वर्षों से कार्यरत कर्मियों को स्थायी नियुक्ति से दरकिनार कर विशेष समुदाय के दो कर्मियों को स्थायी निुयक्ति दिया। जिसे तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए। हिमगिरी हिंदू महासभा ने प्रशासन से सख्त कदम उठाने की माँग की थी।

अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू संगठन केसरिया हिन्दू वाहिनी ने भी इस मामले में अपना मोर्चा खोल दिया था। जारी बयान में अंतराष्ट्रीय हिंदू संगठन केसरिया हिन्दू वाहिनी के जिलाध्यक्ष चंद्रभूषण मिश्र ने कहा था कि संगठन ऐसी नियुक्ति का कड़ा विरोध करता है।

उन्होंने मंदिर प्रशासन से इस नियुक्ति को रद्द करने की माँग की। केसरिया हिंदू वाहिनी इस घटना पर पूरी नजर बनाए हुए है और अगर मंदिर प्रशासन इन नियुक्तियों को रद नहीं करता तो संगठन जिला प्रशासन व सरकार को इसका विरोध करते हुए ज्ञापन सौंपता और प्रदर्शन करता।

वहीं विश्व हिंदू परिषद के कांगड़ा विभाग के सह संगठन मंत्री कुलदीप राणा ने सवाल उठाया था कि कुछ हिंदू विरोधी असामाजिक तत्व हिंदू देवी देवताओं का अपमान करते हैं, तो हिंदू मंदिरों में ऐसे लोग बतौर कर्मचारी क्यों रखे गए। उधर, संगठनात्मक जिला देहरा के कार्य अध्यक्ष प्रशांत शर्मा ने भी कहा था कि प्रशासन जल्द से जल्द इन विशेष समुदाय के कर्मचारियों को मंदिर न्यास से निकाले।

संदर्भ : OpIndia

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *