लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए गुजरात विधानसभा ने नया बिल पास किया है। ‘गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम 2021’ गुरुवार (1 अप्रैल 2021) को सदन में पास हुआ। इस बिल में शादी के जरिए जबरन धर्मांतरण या इस तरह की शादी में सहयोग करने पर दंड का प्रावधान किया गया है। यदि कोई अपने पूर्वजों के धर्म में वापसी करना चाहेगा तो उसमें यह बिल बाधक नहीं होगा।
इस बिल में अधिकतम 10 साल तक की जेल की सजा और विवाह द्वारा धोखाधड़ी या जबरन धर्म परिवर्तन के लिए अधिकतम 5 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है। यह बिल गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट-2003 में संशोधन कर राज्य सरकार लेकर आई है।
Gujarat Freedom of Religion (Amendment) Bill, 2021 has been passed with majority in Gujarat Vidhan Sabha today: Gujarat Home Minister Pradipsinh Jadeja pic.twitter.com/vLxuZFtUIh
— ANI (@ANI) April 1, 2021
गुजरात के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने बताया कि नए बिल में बहला-फुसलाकर, धमकी, लालच और भय दिखाकर अन्य धर्म की युवती से विवाह और धर्मांतरण के लिए 3 से 5 साल तक की सजा का प्रावधान है। इस तरह के मामलों में 2 लाख रुपए जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। नाबालिग और अनुसूचित जाति-जनजाति के मामले में 7 साल की सजा हो सकती है।
सदन में बिल को पेश करते हुए गृह मंत्री जडेजा ने कहा कि यह कानून हिन्दू लड़कियों को धर्मांतरण के उद्देश्य से विवाह के कुचक्र से बचाने के लिए बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हिन्दू लड़कियों से शादी करने और फिर उनका धर्म परिवर्तन कराने के लिए अंतर्राष्ट्रीय माध्यमों से फंडिंग हो रही है। गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने भी कहा कि यह कानून किसी समुदाय विशेष के लिए नहीं बनाया गया है। यह कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है।
गौरतलब है कि विधानसभा में ही कॉन्ग्रेस विधायक इमरान खेडावाला ने इस बिल की प्रति फाड़ डाली थी। कॉन्ग्रेस MLA ने इसे बीजेपी का नया हथकंडा बताते हुए कहा था कि इसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। खेडावाला ने यह भी दावा किया कि विधेयक में जिहाद शब्द का इस्तेमाल कर एक समुदाय को निशाना बनाया गया है।
खेडावाला ने बाद में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वह शादी से पहले या धोखे से करवाए गए जबरन धर्मांतरण को बढ़ावा नहीं देते। उनके अनुसार इस कृत्य के लिए विधेयक में जितनी सजा लिखी है उससे ज्यादा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराध के लिए सऊदी अरब के शरिया कानून जैसी सजाएँ होनी चाहिए।
लव जेहाद के विरुद्ध इस तरह क कानून बनाने वाला गुजरात तीसरा राज्य है। इससे पहले उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश भी लव जेहाद को रोकने के लिए कानून बना चुके है। उत्तर प्रदेश में फरवरी में धर्मांतरण विरोधी बिल राज्य विधानसभा द्वारा पास कर दिया गया था। मध्य प्रदेश में भी हाल ही में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू हुआ है।
संदर्भ : OpIndia