१. विविध उपक्रम एवं प्राप्त प्रतिसाद !
१ अ. दुर्गमेें सात्त्विक उत्पादोंकी प्रदर्शनी ! : ‘रानी लक्ष्मीबाई विद्यालयमें २४.११.२०१४ को सात्त्विक उत्पादोंकी प्रदर्शनी लगाई गई । इस विद्यालयकी प्रधानाध्यापिका श्रीमती नीलिमा हरदासने प्रत्येक माह सनातन-निर्मित सात्त्विक उत्पाद विद्यालयमें लानेके लिए कहा है ।
१ आ. भिलाईनगर
१ आ १. ५०० जिज्ञासुओंने ग्रन्थप्रदर्शनीका लाभ उठाया ! : नेहरूनगर, भिलाईमें पू. जया किशोरीके प्रवचन कार्यक्रममें २८, २९ एवं ३० नवम्बर तीनों दिन सनातन-निर्मित सात्त्विक उत्पाद तथा ग्रन्थोंकी प्रदर्शनी लगाई गई । लगभग ५०० जिज्ञासुओंने इसका लाभ उठाया ।
१ आ २. हनुमान मन्दिरमें २ दिन प्रदर्शनी लगाना : सेक्टर – ९ के हनुमान मन्दिरमें मंगलवार तथा शनिवार दोनों दिन सायं समय ७ से ९ की कालावधिमें सनातन-निर्मित सात्त्विक उत्पाद एवं ग्रन्थकी प्रदर्शनी लगाई गई ।
१ इ. रायपुरके मन्दिरमें प्रदर्शनी ! : श्री गजानन महाराज मन्दिर, तात्यापारा, रायपुरमें गुरुवारको सात्त्विक उत्पाद एवं ग्रन्थोंकी प्रदर्शनी लगाई गई ।
१ ई. श्री साई मन्दिर, कुम्हारीमें सनातनका वितरण कक्ष (स्टॉल) लगाकर सात्त्विक पंचांगका वितरण किया गया ।
२. धर्मप्रसार कार्यमें सनातन प्रभातके पाठक एवं धर्मप्रेमियोंका सहभाग !
२ अ. २५ पंचांग प्रायोजित करनेवाले श्री. हेमंत उपासने ! : रायपुरके धर्माभिमानी एवं सनातन प्रभातके पाठक श्री. हेमन्त उपासनेने हिन्दी भाषाके २५ पंचांग प्रायोजित किए एवं उन्होंने स्वयं वितरण करने हेतु लिए ।
२ आ. कामगार संस्थामें वितरण करने हेतु हिन्दी भाषाके २५ पंचांग लेनेवाले श्री. फूलचन्द कुमार साहू ! : ‘भिलाई इस्पात संयत्र’, ‘इन्स्ट्रूमेंटेशन डिपार्टमेंटके (मापनशास्त्र विभाग, जहां शास्त्रीय प्रयोगके उपकरण बनाए जाते हैं ।)’ मासिक सनातन प्रभातके पाठक श्री. फूलचन्द कुमार साहूने यहां चलाए जानेवाली कामगार संस्थामें वितरण करने हेतु हिन्दी भाषाके २५ पंचाग लिए ।
२ इ. दुर्ग
२ इ १. ‘भाटिया इण्डस्ट्रीज’के मालिक श्री. भाटियाने भेंट देने हेतु १०० हिन्दी पंचांग क्रय किए ।
२ इ २. सनातन-निर्मित सात्त्विक उत्पाद लेने हेतु प्रेरित करनेवाली श्रीमती रोहिणी पाटनकर ! : मासिक सनातन प्रभातकी वर्गणीदार श्रीमती रोहिणी पाटनकरने अपने परिचितोंको सनातन-निर्मित सात्त्विक उत्पाद दर्शाकर उसे लेने हेतु प्रेरित किया तथा उन्हें अन्य लोगोंको दर्शाने हेतु १२ हिन्दी भाषाके सनातन पंचांग अपने पास रख लिए ।
– श्री. हेमंत कानस्कर, छत्तीसगड.