हैदराबाद की एक नामी प्लेबैक सिंगर की 15 साल की बेटी के साथ चेन्नई में यौन उत्पीड़न का मामला प्रकाश में आया है। गायिका ने चेन्नई के किलपॉक ऑल वीमेन पुलिस थाने में अपनी शिकायत दी। कंप्लेन के आधर पर अब तक 4 लोगों के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज हुआ है।
जानकारी के मुताबिक, सिंगर की 15 साल की बेटी अपनी आंटी के साथ रहती थी। वहीं आंटी, अंकल, उनके 18 साल के बेटे ने उसका शोषण किया। नाबालिग ने अपनी शिकायत में एलायंस चर्च के पादरी हेनरी का भी नाम लिया। उसने कहा कि किलपॉक (Kilpauk) में चर्च के पादरी ने उसका शोषण किया।
गायिका ने भी पुलिस को बताया कि उनकी बेटी, अपनी आंटी के घर 6 साल की उम्र से रह रही थी। अभी 18 माह पहले (13 साल की उम्र में) उसे वापस लाया गया। इन 8 सालों में उसका कई बार यौन उत्पीड़न हुआ। पुलिस ने मामले में चारों आरोपितों के ख़िलाफ़ POCSO एक्ट की धारा 9 (m),9(n), 10, 17 और आईपीसी की धारा 506 (2) के तहत एफआईआर दर्ज कर अपनी जाँच शुरू कर दी है।
पुलिस के मुताबिक, लड़की ने कुछ समय पहले अपनी माँ को बताया था कि उसके अंकल और चर्च का पादरी उसे गलत तरह से छूते हैं। लेकिन उस समय माँ ने कहा कि करीबी रिश्तेदार ऐसा नहीं करते। मगर पिछले 18 महीनों में बच्ची के साथ रहते हुए माँ ने इस मामले को गंभीरता से लिया और पुलिस के पास आकर शिकायत करवाई।
इसके बाद बच्ची को मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहाँ माँ और बच्चे ने टेस्ट के लिए मना कर दिया। फिलहाल केस गलत ढंग से छूने के आरोप में दर्ज हुआ है। अन्य धाराएँ लगाने के लिए टेस्ट करवाना होगा। वहीं पादरी को लेकर पुलिस का कहना है कि वह एक घर पर आता-जाता है। उसके बड़े संस्थानों से संबंध हैं। मामले में पूछताछ हो रही है।
पादरियों के कुकर्म
पिछले कुछ समय में चर्च पादरियों द्वारा नाबालिगों के यौन उत्पीड़न के बहुत से मामले उजागर हुए हैं। साल 2019 में एक 70 वर्षीय पादरी का घिनौना चेहरा सामने आया था। मामला केरल के एर्नाकुलम के चेंदामंगलम का था। वहाँ के सीरियन कैथलिक चर्च के पादरी जॉर्ज पदयट्टी ने आर्शीवाद लेने आई मासूम बच्चियों का यौन शोषण किया था। दरअसल, 9 साल की तीनों बच्चियाँ चर्च में अपनी सेवाएँ देने के बाद चर्च स्थित दफ्तर में पादरी का आशीर्वाद लेने गई थीं। इस दौरान आशीर्वाद देने के बहाने पादरी ने तीनों नाबालिगों से बारी-बारी से यौन शोषण किया।
इसी तरह कुछ समय पहले केरल की नन सिस्टर लूसी कलाप्पुरा ने अपनी आत्मकथा लिखी थी, जिसमें उन्होंने पादरियों के कुकर्मों को लेकर खुलासे किए थे। एक घटना का जिक्र करते हुए सिस्टर लूसी ने लिखा जब वो मालाबार चर्च में थीं, तब वहाँ एक पादरी हुआ करता था। वो कॉलेज में पढ़ाता था और पास ही कॉन्वेंट में रहता था। कॉन्वेंट में उसने अपने लिए एक प्राइवेट कक्ष रखा था।
उस पादरी को सुरक्षित सेक्स के लिए काउंसलिंग देने का कार्य सौंपा गया था। वह छात्रों को सेफ सेक्स के बारे में बताता था और सलाह देता था। लेकिन दिक्कत इससे नहीं थी। समस्या तब शुरू हुई, तब उक्त पादरी ने सेफ सेक्स के लिए ‘प्रैक्टिकल क्लास’ आयोजित करना शुरू किया। इस दौरान वह ननों के साथ यौन सम्बन्ध बनाता था। सिस्टर लूसी ने लिखा कि कॉन्वेंट्स में जवान ननों को पादरियों के पास उनके ‘यौन सुख’ के लिए भेजा जाता था। वहाँ वो सभी ननें घंटों नंगी खड़ी रखी जाती थीं। वो लगातार गिड़गिड़ाती रहती थीं, लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया जाता था।
संदर्भ : OpIndia