पंजाब के जालंधर में इलाज करने वाले एक ईसाई धर्मगुरू पर धोखा देने का आरोप हिंदू परिवार ने लगाया है। मुंबई के रहने वाले पीड़ित परिवार का आरोप है कि आरोपित पादरी ने उनकी बेटी के कैंसर के इलाज के बहाने उन्हें 80 हजार रुपए का चूना लगा दिया। परिवार का आरोप है कि इलाज के बहाने पादरी ने हिंदू परिवार का ईसाई धर्मान्तरण कराने की कोशिश की थी।
मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब पीड़ित परिवार ने कैंसर से अपने परिजनों को खोने के बाद ईसाई उपचारक के खिलाफ एसएसपी ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई।
गौरतलब है कि पीड़ित शुभम पंडित और उनकी माँ, पंडित की बहन की कैंसर की बीमारी को ठीक करने के लिए पादरी बलविंदर से मिलने जालंधर गए थे। शुभम पंडित ने बताया कि मुंबई में उनसे मिले पादरी के एक शिष्य ने उन्हें बताया था कि पादरी के पास किसी भी बीमारी को ठीक करने की शक्तियाँ हैं। इसलिए, शुभम पादरी से मिलने के लिए ताजपुर गाँव के चर्च गया था।
शुभम के मुताबिक पहले पादरी बलविंदर सिंह ने उनकी बीमार बहन के इलाज के लिए 1 लाख रुपए की माँग की। हालाँकि, बाद में वो 80,000 रुपए में मान गया। शुभम ने बताया, “हमें 12 दिनों तक यहाँ रखने के बाद पादरी ने हमें तेल और पानी दिया। उन्होंने इसे पवित्र जल बताया। उसने जबरदस्ती हमारा धर्म परिवर्तन कराया। न तो मेरी बहन को बचाया जा सका और न ही हमारे पैसे वापस दिए गए।”
आरोपित पादरी बलविंदर सिंह जालंधर में ईसाई धर्मगुरू और स्वयंभू ईसाई उपचारक भी है।
आरोपित ने अपने फेसबुक पेज पर कई इस तरह के उपचार के कई वीडियो अपलोड कर रखे हैं।
दो साल पहले पोस्ट किए गए एक वीडियो में ईसाई धर्मगुरू अपनी चिकित्सा शक्तियों से एक महिला के टूटे हाथ को ठीक करने का दावा कर रहा है।
फिलहाल, शुभम पंडित की शिकायत के बाद लाम्ब्रा पुलिस स्टेशन एसएचओ ने एक बयान में मामले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि अभी मामले की जाँच जारी है।
संदर्भ : OpIndia