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कोरोना के समय में विदेशों में गाय को गले लगाना, नागरिकों के लिए उपयुक्त सिद्ध हो रहा है !

  • यह मानसिक तनाव दूर करने का एक उपयोगी उपचार है, ऐसा अमेरिका एवं यूरोप में लोग सोचते हैं !
  • विदेशों में ‘गाय चिकित्सा’ लोकप्रिय हो रही है । क्या भारत में ऐसा कभी भी संभव है ?  विदेशी लोग गाय का महत्व समझते हैं । भारत में भले ही हिंदू संस्कृति में गाय का महत्व रेखांकित किया गया हो, परंतु गोहत्या रोकने तथा गायों का पालन-पोषण करने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है, यह कष्टप्रद है ! 

मुंबई: अमेरिका तथा यूरोप में लोगों ने कोरोना काल के मानसिक तनाव से निपटने के लिए गायों को गले लगाना प्रारंभ कर दिया है । इसके लिए अनेक लोग १४ सहस्त्र ५०० रुपए तक का भुगतान भी कर रहे हैं । इसके पूर्व भी यह सामने आया था कि विदेश में ऐसा प्रयास किया जा रहा है; परंतु कहा जा रहा है कि कोरोना काल में इसमें वृद्धि हुई है । इसके पूर्व यह बात सामने आई थी कि, गाय को गले लगाने से न केवल मानसिक तनाव दूर हो जाता है; अपितु इससे अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने में भी बहुत सहायता मिलती है ।

आधुनिक चिकित्सकों (डॉक्टरों) का कहना है कि, गायों को गले लगाना  ऑक्सीटोसिन, सेरोटोनिन एवं डोपामाइन इन हार्मोन्स के स्राव के ट्रिगर (कारण बनने) का काम करता है । कोर्टिसोल न्यून करता है । उसी प्रकार, तनाव का स्तर, चिंता एवं अस्वस्थता के लक्षण भी न्यून करता है । गाय का स्वभाव शांत, कोमल एवं  धैर्यवान होता है । गाय को गले लगाने से व्यक्ति के शरीर में चयापचय, प्रतिरक्षा एवं तनाव नियंत्रण की क्रियाएं सुलभ करने में सहायता मिलती है ।

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