पौष शुक्ल पक्ष द्वादशी कलियुग वर्ष ५११६
हैदराबाद : फिल्म ‘पीके’ का विवाद अभी ठंडा नहीं हुआ है और उसके पहले ही तेलुगु फिल्म ‘गोपाला-गोपाला’ के खिलाफ बयानबाजी शुरु हो गई है। फिल्म ‘पीके’ के विरेध से सीख लेते हुए संगठनों ने सेंसर बोर्ड से मांग की है कि इस फिल्म को रिलीज न होने दिया जाये क्योंकि फिल्म ‘गोपाला-गोपाला’ से भी कथित तौर पर धर्म विशेष की भावनाएं आहत हो सकती हैं। इस फिल्म ‘गोपाला-गोपाला’ को रिलीज होने से रोकने के लिये फिल्म सेंसर बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक को ज्ञापन भी सौंपा गया है। आमिर खान की फिल्म ‘पीके’ पर जारी विरोध के बीच बुधवार को कुछ हिंदूवादी संगठनों ने एक और फिल्म ‘गोपाला-गोपाला’ को प्रदर्शन की अनुमति न देने की मांग की है। हिंदूवादी संगठनों ने सेंसर बोर्ड से मांग की है कि इस फिल्म को रिलीज करने की अनुमति न दी जाए, इस फिल्म से भी हिंदुओं की भावनाएं आहत होंगी। विश्व हिंदू परिषद और भाग्यनगर गणेश उत्सव समिति ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से आग्रह किया है कि वे फिल्म को प्रदर्शन की अनुमति न दें क्योंकि इसमें आपत्तिजनक दृश्य हैं।
सेंसर बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक को एक ज्ञापन सौंपते हुए संगठन ने मांग की कि फिल्म के टीजर के कुछ दृश्य आपत्तिजनक हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू देवी देवताओं को फिल्म में अनुचित तरीके से दर्शाया गया है।
‘गोपाला-गोपाला’ बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म ‘ओह माई गॉड’ का रीमेक है। इस फिल्म के तेलुगु संस्करण का निर्माण सुरेश बाबू किया है, इसमें अभिनेता पवन कल्याण और वेंकटेंश मुख्य भूमिका में होंगे।
भाग्यनगर गणेश उत्सव समिति के सचिव आर। शशिधर ने कहा, “उन्होंने फिल्म रिलीज होने से पहले प्रदर्शन इसलिए शुरू कर दिया है क्योंकि फिल्म की रिलीज के बाद विरोध का कोई नतीजा नहीं निकलता।”
उन्होंने कहा, “कुछ फिल्म निर्माताओं की यह आदत बन गई है कि वे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत करें, ताकि उनकी फिल्म का कुछ प्रचार हो सके।” उल्लेखनीय है कि फिल्म ‘पीके’ का देश के विभिन्न स्थानों पर विरोध हो रहा तथा इसके पोस्टर फाड़े जा रहें हैं।
स्त्रोत : प्रभात खबर