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आरोग्य साहाय्य समिति द्वारा विरोध करने पर ‘सीटी स्कैन सेंटर’ ने 5 लोगों से ली अतिरिक्त राशि वापस की !

महाराष्ट्र सरकार द्वारा कोरोना रोगियों के लिए वैद्यकीय उपचार और जांच की दर निश्‍चित की गई है । तब भी ‘‘कुलकर्णी निदान डायग्नोस्टिक सेंटर’ ने महाराष्ट्र शासन का नियम भंग कर कोपरखैरणे के श्री. जयदीप शेडगे और उनके परिवार के चार सदस्यों से कुल 5 लोंगों से ‘सीटी स्कैन’ के नाम पर प्रति व्यक्ति 1,500 रुपए के अनुसार 7,500 रुपए अतिरिक्त राशि ली । इस संदर्भ में ‘आरोग्य साहाय्य समिति’ द्वारा संबंधित ‘डायग्नोस्टिक सेंटर’ से पत्राचार कर योग्य कार्यवाही करने हेतुसूचित करने पर सेंटर ने वसूली हुई अतिरिक्त राशि शेडगे परिवार को वापस की है । श्री. शेडगे ने कहा कि, ‘‘आरोग्य साहाय्य समिति’ और ‘’सुराज्य अभियान’ के ‘सुराज्य की ओर’ इस ऑनलाइन कार्यक्रम से उन्हें अन्याय के विरुद्ध लडने की स्फूर्ति मिली ।’

कोपरखैरणे के शेडगे परिवार के कुल 5 लोग कोरोना संक्रमित थे । उनके सीटी स्कैन ब्यौरे में वे कोरोना संक्रमित हुए, यह स्पष्ट ज्ञात हो रहा था; साथ ही वे निमोनिया से भी संक्रमित हैं ऐसा भी स्पष्ट दिख रहा था । तब भी उनसे प्रति व्यक्ति 2,500 रुपए के बजाय 4,000 रुपए लिए गए । अर्थात प्रति व्यक्ति 1,500 रुपए के अनुसार 5 लोगों से कुल 7,500 रुपए अधिक लिए गए । श्री. शेडगे द्वारा इस संदर्भ में ‘’आरोग्य साहाय्य समिति’ से सहायता मांगने पर समिति ने उन्हें महाराष्ट्र शासन के 24 सितंबर 2020 के सरकारी निर्णय का संदर्भ देते हुए कोरोना रोगी के सीटी स्कैन हेतु केवल 2,500 रुपए शुल्क वसूलने के नियमसंबंधी जानकारी दी । समिति द्वारा किए मार्गदर्शनानुसार श्री. शेडगे ने ‘’कुलकर्णी निदान डायग्नोस्टिक सेंटर’ से इस संदर्भ में शिकायत की । श्री. शेडगे द्वारा शिकायत के साथ डॉक्टर का जांच हेतु लिखा पत्र, देयक (बिल), जांच का ब्यौरा और महाराष्ट्र सरकार का निर्णय इत्यादि जोडा । इस शिकायत में ‘’डायग्नोस्टिक सेंटर’ दो दिन में निर्णय लेकर अतिरिक्त राशि वापस करें, ऐसी मांग की गई थी । ‘‘आरोग्य साहाय्य समिति’ ने इस डायग्नोस्टिक सेंटर को सभी कागजपत्र भेजकर श्री. शेडगे की शिकायत के संदर्भ में त्वरित कृति करने के लिए सूचित किया । तदुपरांत ‘’डायग्नोस्टिक सेंटर’ ने श्री. शेडगे को कुल 7,500 रुपए वापस किए ।

महाराष्ट्र सरकार के निर्णय अनुसार कोरोना रोगी की छाती के सीटी स्कैन हेतु 2,500 रुपए का शुल्क अनिवार्य है । ऐसा होते हुए भी सीटी स्कैन हेतु अतिरिक्त शुल्क लेकर अनेक सामान्य रोगियों को लूटा जा रहा है । छाती की सीटी स्कैन जांच करवाते समय अथवा कोरोना के अन्य उपचार लेते समय सरकार के निर्णयानुसार देयक (बिल) वसूल किए जाने की पुष्टि करें, ऐसा आवाहन ‘’आरोग्य साहाय्य समिति’ ने सभी नागरिकों को किया है ।

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