राष्ट्र एवं धर्म की सेवा ही हमारा प्रथम कर्तव्य ! – सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी
कोल्हापुर : आज के समय में व्यष्टि साधना के साथ समष्टि साधना करना भी अत्यावश्यक है । जो साधना करता है, ईश्वर किसी भी स्थिति में उसकी रक्षा करते हैं । इसलिए राष्ट्र एवं धर्म की सेवा करना ही हमारा प्रथम कर्तव्य है । सनातन संस्था की धर्मप्रचारक सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी ने यह मार्गदर्शन किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से सांगली एवं कोल्हापुर जनपद के धर्मप्रेमियों के लिए हाल ही में आयोजित ऑनलाइन हिन्दू राष्ट्र संगठक कार्यशाला में वे ऐसा बोल रही थीं । समिति के श्री. आदित्य शास्त्री ने इस शिविर का उद्देश्य स्पष्ट किया, तो श्री. विपुल भोपळे ने सूत्रसंचालन किया । इस अवसर पर समिति के श्री. संतोष देसाई ने हिन्दू राष्ट्र संगठक में कौनसे गुण होने चाहिएं और उसकी आचारसंहिता कैसी होनी चाहिएं, इस संदर्भ में उपस्थित धर्मप्रेमियों का मार्गदर्शन किया ।
हिन्दू राष्ट्र संगठक को स्वयं में नेतृत्व के साथ वक्तृत्व भी विकसित करना चाहिए ! – मनोज खाडये, पश्चिम महाराष्ट्र, कोंकण एवं गुजरात समन्वयक
हिन्दू राष्ट्र संगठक को स्वयं में नेतृत्व विकसित करने के साथ वक्तृत्व भी विकसित करना चाहिए । इसके लिए हम तो केवल माध्यम हैं और कर्ता-धर्ता तो सर्वसाक्षी परमेश्वर ही हैं, इसका हमें प्रतिक्षण भान रखना चाहिए ।
काल के अनुसार ऑनलाइन उपक्रमों में समर्पित होकर सम्मिलित हों ! – किरण दुसे, समन्वयक हिन्दू जनजागृति समिति
पिछले वर्ष यातायात बंदी होने पर सभी गतिविधियां ठप्प हुई थीं; परंतु इस स्थिति में भी तब से हिन्दू जनजागृति समिति ने राष्ट्र-धर्म के कार्य को आगे बढाने हेतु ऑनलाइन उपक्रम आयोजित कर रही है, जिसका समाज से बहुत अच्छा प्रत्युत्तर मिल रहा है । इसमें मुख्यरूप से सप्ताह में २ बार होनेवाली परिचर्चाआें में देश के विविध मान्यवर सम्मिलित होते हैं । इन परिचर्चाआें के द्वारा विविध विषयों को समाज के सामने रखकर उनका क्रियान्वयन करने का प्रयास होता है । ऑनलाइन सत्संगों के माध्यम से अनेक लोग साधना करने के लिए प्रेरित हुए । आज यातायात बंदी के कारण श्रद्धालु मंदिर नहीं जा सकते; परंतु श्रद्धालु ऑनलाइन पद्धति से आयोजित की गई हनुमान जयंती और रामनवमी समारोह को अनुभव कर पाए । इसलिए काल के अनुसार ऑनलाइन उपक्रमों का महत्त्व समझ लेकर उसमें समर्पित भाव से सम्मिलित हों ।