आषाढी बारी के उपलक्ष्य में वारकरियों की भावनाओं को ध्यान में लेते हुए महाराष्ट्र सरकार पैदल बारी के संदर्भ में तत्काल बैठक लेकर समाधान निकाले ! – सुनील घनवट, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक, हिन्दू जनजागृति समिति
सोलापुर : हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने यह मांग की है कि आजकल महाराष्ट्र में समस्त वैष्णवजन, समस्त वारकरी संगठन और बारीवालों की ओर से आगामी आषाढी एकादशी के उपलक्ष्य में आळंदी-पंढरपुर और देहू-पंढरपुर पैदल बारी निकालने हेतु अनुमति मिलने की मांग की जा रही है । अतः सरकार इस संदर्भ में वारकरियों की भावनाओं को ध्यान में लेते हुए तत्काल बैठक का आयोजन कर इसका समाधान निकाले । अभीतक कोरोना का प्रकोप होते हुए भी चुनाव की अवधि में, साथ ही अन्य समय पर भी कई बार छूट दी गई थी । अतः आषाढी बारी के उपलक्ष्य में भी समस्त वैष्णव समुदाय और वारकरियों की भावनाओं को ध्यान में लेते हुए सरकार शीघ्र निर्णय लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट करे ।
हम प्रतिबंधों का पालन करेंग; परंतु पैदल बारी बंद नहीं होने देंगे ! – ह.भ.प. नरहरी महाराज चौधरी, वारकरी महामंडल सचिव (आळंदी)
वारकरी संप्रदाय की ओर से हमारी यह स्पष्टतापूर्ण भूमिका है कि अभीतक पंढरपुर की बारी पैदल ही चली आ रही है और इस वर्ष भी वह पैदल ही होनी चाहिए । हम प्रतिबंधों का पालन करेंगे; परंतु बारी बंद नहीं होने देंगे ।
इस वर्ष पैदल बारी होनी ही चाहिए ! – आचार्य तुषार भोसले, नेता, भाजपा आध्यात्मिक प्रकोष्ठ
पंढरपुर की बारी एक आध्यात्मिक वैभव है । समस्त वारकरी सांप्रदायियों की यह तीव्र इच्छा है कि प्रतिबंधों के साथ ही क्यों न हो; परंतु पैदल बारी तो होनी ही चाहिए । मुख्यमंत्री इस संदर्भ में समय व्यर्थ न गंवाकर बारी की नियमावली तैयार करें; परंतु इस वर्ष पैदल बारी तो होनी ही चाहिए । इस संदर्भ में हम कोई समझोता नहीं करेंगे ।