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ब्रह्मज्ञानी महापुरुषों में विश्‍व को दिशा दिखाने की क्षमता होती है – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘हिन्दू राष्ट्र कार्य प्रशिक्षण कार्यशाला’ के अंतर्गत उत्तर भारत में ३ कार्यशालाओं का आयोजन

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

देहली : भगवान का यह वचन है कि ब्रह्मज्ञानी महापुरुषों में विश्‍व को दिशा दिखाने की क्षमता होती है । आद्य शंकराचार्यजी से लेकर परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजीतक अनेक महापुरुषों ने हमारे सामने हिन्दू राष्ट्र का (ईश्‍वरीय राज्य) का लक्ष्य रखा है । सभी का यही भाव है कि एक आदर्श राष्ट्र की संस्थापना हो ! इस भाव को समझ लेकर हम सभी को हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करने का निश्‍चय करना चाहिए । स्वार्थी और अहंकारी राजनीतिक दल गठबंधन कर देश पर राज्य कर सकते हैं, तो समविचारी धर्मविचारी यदि एकत्रित आ गए, तो वे निश्‍चितरूप से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना कर सकेंगे । हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने यह मार्गदर्शन किया । ‘हिन्दुओं का परमहित साध्य करने हेतु देश के संविधान के अनुसार हिन्दू राष्ट्र हो’, इसके संदर्भ में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ३ साप्ताहिक ऑनलाइन हिन्दू राष्ट्र प्रशिक्षण कार्यशालाएं ली गईं । इन कार्यशालाओं में उपस्थित समस्त धर्मप्रेमियों ने हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में सम्मिलित होने का निश्‍चय किया । इस कार्यशाला में देहली, मध्य प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, पश्‍चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं जम्मू राज्यों के धर्मप्रेमियों ने भाग लिया । समिति के मध्य प्रदेश एवं राजस्थान समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने भी उपस्थित धर्मप्रेमियों को संबोधित किया ।

इस कार्यशाला में सेक्युलरवाद के कारण हिन्दुओं की सैकडों वर्षों से चली आ रही परंपराओं को किस प्रकार खण्डित किया गया ?, हिन्दू राष्ट्र की मांग किस प्रकार संवैधानिक है ? आदि अनेक सूत्रों पर मार्गदर्शन किया गया ।

हम हिन्दू राष्ट्र बना सकते हैं, यह आत्मविश्‍वास उत्पन्न हुआ ! – श्री. वीराराम, राजस्थान

कार्यशाला में भाग लेने के उपरांत ‘हम सभी हिन्दू हैं’, इसका भान हुआ, जो पहले नहीं था । हिन्दू होते हुए भी मैं माथे पर तिलक नहीं लगाता था । यदि ईसाई अपने इतने राष्ट्र बना सकते हैं, तो हम एक हिन्दू राष्ट्र क्यों नहीं बना सकते ? इस कार्यशाला से हम भी निश्‍चितरूप से हिन्दू राष्ट्र बना सकते हैं, यह आत्मविश्‍वास उत्पन्न हुआ ।

सभी हिन्दुओं को संगठित करना है, यह ध्यान में आया ! – नीतू सिंह मलिक, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश

मैं भी सामाजिक माध्यमों के द्वारा हिन्दू धर्म के लिए कार्य करती हूं । इस पृथ्वी पर हिन्दू धर्म के हित में किस प्रकार कार्य चल रहा है, इसकी जानकारी इन ३ कार्यशालाओं के माध्यम से मिली । इसलिए मैं भी हिन्दू धर्म के लिए कार्य कर रही हूं, इसका भान हुआ । हमें सभी हिन्दुओं को संगठित करना है, यह बात इस कार्यशाला से ध्यान में आई ।

हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में अपना योगदान देने के लिए तैयार ! – श्री. गर्ग

हिन्दू राष्ट्र स्थापना कार्य में योगदान देना आवश्यक है । समिति के हिन्दूसंगठन के कार्य में कार्यकर्ताओं के निवास की सुविधा का प्रबंध करने के लिए मैं सदैव तैयार हूं ।

श्री. जीतेंद्र सिंह, भींड, मध्य प्रदेश : भारत के प्रत्येक जनपद के हिन्दुओं के लिए इस प्रकार की ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित की गई, तो अच्छा होगा ।

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