आनेवाले भीषण काल में जीवित रहने हेतु ईश्वर की कृपा होना आवश्यक – सद्गुरु नंदकुमार जाधवजी, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था
१ सहस्र से भी अधिक धर्मप्रेमी उपस्थित !
जळगांव (महाराष्ट्र) : कोरोना के कारण भीषण स्थिति उत्पन्न हुई है तथा ‘आनेवाला काल इससे भी भयानक होगा’, ऐसा अनेक संतों, भविष्यवेत्ताओं और नॉस्ट्राडैमस ने बताया है । ऐसे काल में हमारी रक्षा होना, तो केवल ईश्वर की कृपा पर ही निर्भर होता है । ईश्वर केवल भक्त और साधना करनेवालों पर कृपा करते हैं । भगवद् गीता में भगवान श्रीकृष्णजी ने बताया है, ‘न मे भक्त प्रणश्यति ।’ अर्थात मेरे भक्तों का कभी नाश नहीं होगा । ईश्वर की कृपा प्राप्त करनी हो, तो धर्मशिक्षा लेकर साधना करना आवश्यक है । सनातन संस्था के धर्मप्रचारक सद्गुरु नंदकुमार जाधवजी ने यह मार्गदर्शन किया । सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से हाल ही में ‘तनावमुक्त जीवन एवं हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता’ विषय पर ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया था, उसमें मार्गदर्शन करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे । इस अवसर पर समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने भी ‘हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता’ विषय पर मार्गदर्शन किया । इस ऑनलाइन व्याख्यान में महाराष्ट्र के खानदेश और मराठवाडा क्षेत्रों से १ सहस्र से भी अधिक धर्मप्रेमी जुडे थे । नांदेड जनपद समन्वयक श्री. वैभव आफळे ने समिति के कार्य का ब्योरा प्रस्तुत किया । श्री. श्रेयस पिसोळकर ने सूत्रसंचालन किया ।
सद्गुरु नंदकुमार जाधवजी ने आगे कहा कि,
१. आनेवाले समय में बाढ, चक्रवाती तूफान, भूकंप, ज्वालामुखी का फटना जैसी प्राकृतिक आपदाएं आनेवाली हैं । समुद्रजल का स्तर प्रतिदिन बढ रहा है, जिससे समुद्रतट पर बंसे शहरों के जलमग्न होने का संकट है ।
२. तीसरा विश्वयुद्ध की अवधि २-३ वर्षोंतक है । इसमें प्रचुर मात्रा में जीवितहानि होनेवाली है । आज अनेक देशों के पास परमाणु क्षमता और क्षेपणास्त्र हैं, जिनकी संहारकता बहुत बडी है ।
क्षणिकाएं
१. इस व्याख्यान में ऑनलाइन जुडे अनेक धर्मप्रेमियों ने हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में सम्मिलित होने की इच्छा व्यक्त की । कार्यक्रम के समय कुछ लोगों ने वॉट्स एप संदेश भेजकर इस कार्य में सम्मिलित होने के संदर्भ में, साथ ही धर्मशिक्षावर्ग आरंभ करने के संदर्भ में पूछा ।
२. इस कार्यक्रम में बैंकोक, थाईलैंड और टोरैंटो से प्रत्येकी १ धर्मप्रेमी ऑनलाइन जुडे थे ।
यह देश हिन्दू राष्ट्र घोषित होनेतक हम शांति से नहीं बैठेंगे ! – सुनील घनवट, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक, हिन्दू जनजागृति समिति
वर्ष १९४७ में देश का विभाजन हुआ । इस्लामी राष्ट्र के रूप में पाकिस्तान बना, तो शेष राष्ट्र को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर दिया जाना चाहिए था; परंतु वैसे नहीं हुआ । वर्ष १९७६ में संविधान में ४२वां संशोधन कर देश को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया गया । आज के समय में विश्व में १५७ ईसाई, ५२ इस्लामी, १२ बौद्ध और ज्यूओं का १ राष्ट्र है; परंतु भारत की कुल जनसंख्या में से ८० प्रतिशत हिन्दू होते हुए भी भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित क्यों नहीं किया जाता ? इसलिए यह देश हिन्दू राष्ट्र घोषित होनेतक हम शांति से नहीं बैठेंगे ।