कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने हिंदू रिलीजियस एंडोमेंट डिपार्टमेंट के फंड से 41 मस्जिदों और मदरसों के इमामों को कोविड रिलीफ के रूप में भत्ते देने के सरकार के फैसले का विरोध किया। इसके बाद सरकार ने फैसला वापस ले लिया।
हाल ही में कर्नाटक सरकार ने मुजराई (हिंदू रिलीजियस एंडोमेंट डिपार्टमेंट) के तहत ‘सी’ श्रेणी के मंदिरों में सेवा करने वाले पुजारियों के साथ-साथ इमामों और मुअज्जिनों को 3,000 रुपए का राहत पैकेज देने की घोषणा की थी।
ಹಿಂದೂ ಧಾರ್ಮಿಕ ದತ್ತಿ ಇಲಾಖೆಯಿಂದ ಮಸೀದಿಯ ಮೌಲ್ವಿಗಳಿಗೆ ತಸ್ತಿಕ್ ಬಿಡುಗಡೆ! Tastik/Monthly Salary for Masjid Maulvis is released from Hindu Endowments Department in Karnataka!
Governments change, Appeasement continues! Temple Money is used to pay Salaries of Maulvis. pic.twitter.com/8dnCPCfqkf— Girish Bharadwaj (@Girishvhp) June 9, 2021
मंदिर के फंड का किसी दूसरी जगह इस्तेमाल किए जाने पर विहिप ने कड़ी आपत्ति जताई थी। विहिप ने इस संबंध में प्रदेश के मुजराई मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी को एक ज्ञापन सौंपा था। इसमें कहा गया था, “हिंदू मंदिरों से प्राप्त धन का उपयोग केवल मंदिरों और हिंदू समुदाय के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए।”
इस मामले में विवाद बढ़ने के बाद मुजराई मंत्री पुजारी ने इस फैसले को वापस लेने का आश्वासन दिया। एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए पुजारी ने कहा, “विभिन्न हिंदू संगठनों से प्राप्त अनुरोधों के बाद मैंने अधिकारियों को धार्मिक बंदोबस्ती विभाग से दूसरे धार्मिक संस्थानों को दिए जाने वाले सभी पैकेज को तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश दिया है।”
Karnataka govt shelves Covid relief to Muslim clerics after VHP’s opposition. Govt also ordered that the 'Tasdik' allowance being given to 764 religious institutions be stopped.
Read: https://t.co/2BjPWXLWyB pic.twitter.com/iSeFbq2cxG
— Darshan Devaiah B P (@DarshanDevaiahB) June 10, 2021
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री पुजारी ने बताया कि राज्य में कुल 764 अन्य धार्मिक संस्थानों को हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती विभाग से फंडिंग की गई थी, जिसे अब रोक दिया जाएगा।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए विश्व हिंदू परिषद के संभागीय सचिव शरण पंपवेल ने कहा कि अगर सरकार लोगों को रिलीफ फंड और भत्ते देना चाहती है तो उसे कोई दूसरा प्रावधान करना चाहिए। विहिप नेता ने सुझाव दिया कि अगर कर्नाटक सरकार मौलवियों को पैसे देना चाहती है तो उसे वक्फ बोर्ड के मस्जिदों और मदरसों को अपने नियंत्रण में लेना चाहिए और उसके फंड का उपयोग इमामों के हित में करना चाहिए।
The #VishwaHinduParishad in Karnataka’s Dakshina Kannada district opposed the government's decision to pay allowances to Imams of Mosques and Madrasas in the district as #Covid lockdown compensation from the funds of the Hindu religious endowment department. @IndianExpress pic.twitter.com/YH2fCG34xj
— Darshan Devaiah B P (@DarshanDevaiahB) June 9, 2021
पंपवेल ने बताया कि हिंदू रिलीजियस एंडोमेंट डिपार्टमेंट के जरिए सरकार 150 से ज्यादा मस्जिदों और उनके इमामों को राहत पैकेज मुहैया करा रही है।
संदर्भ : OpIndia