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पद, प्रतिष्ठा और लालच की अनदेखी कर केवल धर्म के लिए निरपेक्षता के साथ कार्य करना आवश्यक – मनोज खाडये

जय श्रीराम सेना की ओर से ली गई ऑनलाइन बैठक में हिन्दू जनजागृति समिति का सहभाग

सोलापुर (महाराष्ट्र) : विगत ७४ वर्ष के लोकतंत्र ने देश को निर्धनता, बडी मात्रा में भ्रष्टाचार, नक्षलवाद, अराजकता जैसे विषैले और कडवे फल दिए हैं । इसलिए जनता के कल्याण हते आदर्श हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता है । राजनीतिक हिन्दुत्व के स्थान पर त्याग, समर्पण एवं ईश्‍वरीय अधिष्ठान से युक्त धार्मिक हिन्दुत्व महत्त्वपूर्ण होता है । अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों में पद, प्रतिष्ठा और अन्य लालच के कारण हिन्दुत्व के कार्य में बाधाएं उत्पन्न होती हैं । कोई भी पद, प्रतिष्ठा अथवा अन्य लालच की पूर्णरूप से अनदेखी कर केवल धर्म के लिए ही निरपेक्ष कार्य करना आवश्यक है । हिन्दू जनजागृति समिति के गुजरात राज्य, पश्‍चिम महाराष्ट्र एवं कोंकण विभाग समन्वयक श्री. मनोज खाडये ने ऐसा प्रतिपादित किया । ‘जय श्रीराम सेना’ की ओर से हाल ही में आयोजित की गई ऑनलाइन बैठक को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे । इस बैठक में नगर, सोलापुर, लातूर, धाराशिव, पुणे एवं वर्धा जनपदों से जय श्रीराम सेना के कार्यकर्ता ऑनलाइन पद्धति से जुडे थे । जय श्रीराम सेना के संस्थापक एवं प्रसिद्ध उद्योगपति श्री. विजयराजे माने ने प्रधानता लेकर इस बैठक का आयोजन किया था ।

विशेषतापूर्ण

१. इससे आगे राष्ट्र एवं धर्म के कार्य हेतु संगठितरूप से प्रयास हों; इसके लिए प्रत्येक सप्ताह में इस प्रकार की बैठक लेने का सुनिश्‍चित किया गया ।

२. बैठक में सहभागी कार्यकर्ताओं ने हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से जय श्रीराम सेना के कार्यकर्ताओं को निःशुल्क स्वरक्षा प्रशिक्षण दिया जाए, यह अनुरोध किया ।

३. बैठक में सहभागी कार्यकर्ताओं के लिए हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘ऑनलाइन’ शौर्यजागृति व्याख्यान का भी आयोजन किया गया ।

ऑनलाइन बैठक एवं श्री. मनोज खाडे के मार्गदर्शन के संदर्भ में प्राप्त अभिप्राय

साक्षात श्रीराम की कृपा से ही इस ऑनलाइन बैठक का आयोजन हो सकता ! – विजयराजे माने, संस्थापक जय श्रीराम सेना

इस बैठक में श्री. मनोज खाडये जब देश की वर्तमान भयावह स्थिति के संदर्भ में विषय रख रहे थे, तब इस बैठक में भगवान की कृपा हो रही है, ऐसा प्रतीत हो रहा था । हम प्रत्यक्ष श्रीराम एवं श्रीकृष्ण के काल में गए हैं और उनके साथ संवाद कर रहे हैं, यह अनुभूति होकर आनंद प्रतीत हो रहा था । अब श्रीराम एवं श्रीकृष्ण ही हमारे आधार हैं, ऐसा प्रतीत होकर शरीर पर रोमांच आ रहे थे । साक्षात श्रीराम की कृपा से ही इस बैठक का आयोजन हो सका, ऐसा लगा ।

हिन्दुत्वनिष्ठों को एकत्रित होकर राष्ट्र-धर्म के लिए कार्य करना चाहिए ! – सुलोचना वेदपाठक, महिला संगठक, जय श्रीराम सेना

आज की बैठक बहुत अच्छी रही । बैठक में जो विषय रखा गया, वह पहली बार सुनने को मिलला । इसमें ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा की गई । श्री. मनोज खाडये ने अच्छे प्रकार से विषय समझाया । इसके आगे हिन्दुत्वनिष्ठों को एकत्रित होकर राष्ट्र-धर्म के लिए कार्य करना चाहिए ।

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