सांगली एवं कोल्हापुर के धर्मप्रेमियों के लिए ‘ऑनलाइन’ हिन्दू राष्ट्र संगठक कार्यशाला
कोल्हापुर : छत्रपति शिवाजी महाराज श्री भवानीदेवी का नामस्मरण करते थे; इसीलिए वे अफजलखान का वध कर सकते । महाभारत में पांडवों के साथ श्रीकृष्ण के होने से वे कौरव सेना पर विजय प्राप्त कर सके । हमारे यहां ऐसे अनेक उदाहरण हैं । हमें भी व्यष्टि एवं समष्टि कार्य करते समय उसमें ईश्वर का अधिष्ठान होना चाहिए । आदर्श हिन्दू राष्ट्र संगठक बनने हेतु व्यष्टि और समष्टि कार्य करते समष्टि साधना का संतुलन बनाना आवश्यक है । जो ईश्वर का भक्त है, ईश्वर किसी भी स्थिति में उसकी रक्षा करते ही हैं । अतः आनेवाले भीषण आपातकाल से पार लगने हेतु ईश्वर का भक्त बनना आवश्यक है । हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती राजश्री तिवारी ने यह मार्गदर्शन किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से सांगली एवं कोल्हापुर के धर्मप्रेमियों के लिए हाल ही में हिन्दू राष्ट्र संगठक कार्यशाला का आयोजन किया गया था, उसमें वे ऐसा बोल रही थीं । कु. सविता खेराडकर ने इस कार्यशाला का उद्देश्य स्पष्ट किया, तो श्री. विपुल भोपळे ने सूत्रसंचालन किया । इस अवसर पर उपस्थित धर्मप्रेमियों से जब समिति के विविध उपक्रमों में सहभागी होने हेतु पूछा गया, तब सभी ने उसका सकारात्मक प्रत्युत्तर किया ।
१. हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. राजन बुणगे ने आदर्श हिन्दू राष्ट्र संगठक बनने के लिए कौनसे गुण आवश्यक हैं, यह बताते हुए कहा कि हिन्दू राष्ट्र संगठक में समयशीलता और प्रसिद्धि से दूर रहने के गुणों के साथ ही बोलने में विनम्रता होना आवश्यक है । इसके साथ ही गुणों का संवर्धन होने हेतु स्वभावदोष एवं अहंनिर्मूलन प्रक्रिया अपनानी चाहिए ।
२. श्रीमती विजया वेसणेकर ने इस कोरोना काल में भी धर्मप्रसार कार्य किस प्रकार तीव्रगति से चल रहा है, इस संदर्भ में जानकारी दी । साथ ही समिति के श्री. प्रसाद कुलकर्णी ने विविध ऑनलाइन उपक्रमों की जानकारी देकर कोरोना महामारी के समय में मंदिरों और अन्य स्थानों पर नामजप चलाने पर उसका कैसे लाभ मिला, यह विशद किया ।