दुर्ग (छत्तीसगढ) : हिन्दुओं में धर्माभिमान का अभाव होने के कारण प्रतिवर्ष लाखों हिन्दू अन्य धर्मों का स्वीकार करते हैं । इस धर्मांतरण के कारण हिन्दुओं का अस्तित्व ही संकट में पड गया है । छत्तीसगढ में एशिया का सबसे बडा चर्चा जशपूर कुनकरी में बनाया गया है । सरगुजा प्रांत में ही १ सहस्र से भी अधिक स्थानों पर वैध एवं अवैध प्रार्थनासभाएं की जाती हैं । तत्कालीन मुख्यमंत्री अजित जोगी के कार्यकाल में छत्तीसगढ राज्य में बडी मात्रा में धर्मांतरण हुआ; परंतु हिन्दुओं को धर्मशिक्षा देकर उनमें स्वधर्म के प्रति स्वाभिमान को टिकाए रखने के प्रयास अल्प पड गए । भले ही हम से अल्प प्रयास हुए हों; परंतु हम इससे बोध लेकर हिन्दू धर्मप्रचारक बनेंगे और धर्मांतरण रोकने हेतु धर्मांतरणबंदी कानून की कार्यवाही होने के लिए प्रयास करेंगे । आज छत्तीसगढ एवं झारखंड राज्यों में बडी मात्रा में धर्मांतरण हो रहा है । उसके लिए यहां के आदिवासी हिन्दुओं के मन पर वे हिन्दू नहीं हैं, अपितु आदिवासियों का अलग धर्म है, ऐसा अंकित किया जा रहा है । उन्हें हिन्दू धर्म से अलग-थलग करने का बडा षड्यंत्र चल रहा है । यह बात अब केवल आदिवासियोंतक ही सीमित नहीं है, अपितु प्रशासनिक स्तर पर भी धर्मांतरित हुए अनेक अधिकारियों द्वारा उनके अंतर्गत काम करनेवाले कर्मचारियों का भी धर्मांतरण होने की घटनाएं सामने आई हैं । इसलिए हम सभी को धर्मांतरण के इस षड्यंत्र को रोकने हेतु प्रयास करने चाहिएं । हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने ‘धर्मांतरण का षड्यंत्र’ विषय पर बोलते हुए ऐसा प्रतिपादित किया । धर्मसेना, छत्तीसगढ संगठन की ओर से प्रतिसप्ताह श्री. घनवट के मार्गदर्शन का आयोजन किया जा रहा है । इस मार्गदर्शन में धर्मांतरण होनेवाले गांवों से अनेक धर्मप्रेमी हिन्दू सहभागी हुए ।
विशेषतापूर्ण
१. ‘धर्मांतरण का षड्यंत्र’ विषय पर मार्गदर्शन किए जाने के उपरांत अनेक धर्मप्रेमियों ने क्रियाशील होकर पुलिस विभाग को अनेक विषयों के ज्ञापन और शिकायतें देना आरंभ किया ।
२. प्रत्येक धर्मप्रेमी ने उनके गांव में होनेवाली स्थानीय ग्रामसभा में एक प्रस्ताव पारित करने का सुनिश्चित किया कि गांव में कोई नया व्यक्ति आ रहा हो, तो उसका पंजीकरण किया जाए और उसमें धर्मांतरण करनेवाला कोई दिखाई दिया, तो उसके विरुद्ध तुरंत शिकायत दी जाए ।
३. पूरे देश में धर्मांतरण बंदी कानून की और छत्तीसगढ में कानून की प्रभावशाली पद्धति से कार्यवाही करने की मांग करनेवाले ज्ञापन देना आरंभ किया गया है ।
क्षणिकाएं
१. बाल्को के धर्मप्रेमी श्री. नरेश राजपूत ने उन्होंने धर्मांतरण रोकने हेतु जो प्रयास किए, उसकी जानकारी दी ।
२. कार्यक्रम का समय समाप्त होने के आधा घंटा उपरांत भी शंकाओं का निराकरण चलता रहा । धर्मप्रेमियों में निहित धर्मांतरण के विरुद्ध कार्य करने की तीव्र लालसा को देखकर अगली बैठक में इस विषय पर विस्तार से मार्गदर्शन लेना सुनिश्चित किया गया ।
श्री. सुनील घनवट द्वारा किए गए मार्गदर्शन पर हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा व्यक्त किए गए अभिप्राय
इस मार्गदर्शन में सहभागी हिन्दुत्वनिष्ठों ने अभिप्राय देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम से हमें उचित विचार और क्रियान्वयन की दिशा मिली है ।
एक हिन्दुत्वनिष्ठ ने कहा कि श्री. सुनील घनवट ने जो विविध विषयों पर मार्गदर्शन किया, उससे हमें एक व्यापक कार्य से जुडने का अवसर मिला है; इसलिए अब हम हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु और अधिक उत्साह से काम करेंगे ।
अनेक धर्मप्रेमियों ने यह भी बताया कि हम हमारे कार्यकर्ताओं को आदर्श वक्ता बनाने हेतु और हिन्दू राष्ट्र संगठक कार्यशाला आयोजित करने का नियोजन करेंगे । श्री. घनवट के मार्गदर्शन के कारण हिन्दुत्व के लिए निश्चितरूप से क्या करना चाहिए, यह समझ में आया, साथ ही हमें कार्य के प्रति चेतना मिलकर हमारी उदासीनता दूर हुई । इसके आगे हम समिति के कार्य में नियमितरूप से सहभागी होंगे ।