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पैसे और राजनीतिक संपर्कों से बचता रहा है दुष्कर्म का आरोपित फ्रेंको मुलक्कल : पूर्व HC जज का दावा

बिशप फ्रैंको मुलक्कल

कर्नाटक हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज माइकल फ्रांसिस सलदान्हा ने दावा किया है कि बलात्कार आरोपित पूर्व बिशप फ्रेंको मुलक्कल पैसों और राजनैतिक संबंधों के चलते बचता रहा है। सलदान्हा ने यह भी कहा कि अब यह एक राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है और अकेले केरल से ही लगभग 60,000 ननों ने यौन उत्पीड़न की बात उठाई है।

रिपब्लिक के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि 2018 में ही सिस्टर लूसी ने उन्हें यह सूचना दी थी कि केरल की कई नन और अन्य लोग यह मुद्दा उठा रहे हैं कि जाँच में तत्कालीन बिशप मुलक्कल के खिलाफ अपराधिक मामला सामने आने के बाद भी न तो उसे गिरफ्तार किया गया और न ही कोई ट्रायल शुरू हुआ। रिटायर्ड जस्टिस सलदान्हा ने बताया कि तब सिर्फ एक ही माँग थी कि यदि कोई गंभीर यौन उत्पीड़न में शामिल है तो उसके खिलाफ उचित कानून के तहत कार्रवाई की जाए।

उन्होंने सर्वे के आधार पर एक गंभीर दावा करते हुए कहा कि अकेले केरल से 60,000 नन और पूरे देश में कई अन्य ने अपने यौन उत्पीड़न को लेकर आवाज उठाई है। सलदान्हा ने कहा कि इस सर्वे के बाद यह मुद्दा अब केरल भर का नहीं रह जाता, बल्कि यह एक राष्ट्रीय मुद्दा बन जाता है। इसके अलावा चर्चा के दौरान सलदान्हा ने बलात्कार के आरोपित फ्रेंको मुलक्कल के खिलाफ प्रदर्शन करने पर सिस्टर लूसी को नन के रूप में बर्खास्त करने के लिए फ्रान्सिस्कन क्लैरिस्ट कॉन्ग्रेगेशन (FCC) की आलोचना भी की।

ज्ञात हो कि हाल ही में वेटिकन ने निष्कासित सिस्टर लूसी कलपूरा की तीसरी याचिका भी खारिज कर दी थी। साथ ही एर्नाकुलम के फ्रान्सिस्कन क्लैरिस्ट कॉन्ग्रेगेशन ने कलपूरा को कॉन्वेंट खाली करने का आदेश भी दिया था। याचिका में कलपूरा ने अपने निष्कासन को रद्द करने की माँग की थी। दरअसल दो साल पहले बलात्कार के आरोपित पूर्व बिशप फ्रेंको मुलक्कल का विरोध करने के बाद कलपूरा से नन की पदवी छीन ली गई थी। हालाँकि कर्नाटक हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस सलदान्हा ने सिस्टर लूसी की कानूनी लड़ाई में उनका साथ देने का फैसला किया है।

जून 2018 में एक 43 वर्षीय नन ने एक पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए पूर्व बिशप फ्रेंको मुल्लकल पर आरोप लगाया था कि, 2014 में एक जरूरी मुद्दे पर चर्चा करने के बहाने मुलक्कल ने उसे बुलाकर उसका यौन उत्पीड़न किया था। इसके बाद यह क्रम लगातार दो वर्ष तक जारी रहा। इसके बाद इस मामले की जाँच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था। सिस्टर लूसी कलपूरा उन पॉंच ननों में शामिल हैं, जिन्होंने बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर रेप का आरोप लगाने वाली नन का समर्थन किया था।

संदर्भ : OpIndia

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