Menu Close

धर्मांतरण रोकने के लिए मदरसों पर हो तालाबंदी, मौलवियों की संपत्ति की हो जांच : महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के रैकेट पर्दाफाश और देश के 24 राज्यों में फैले इसके नेटवर्क को लेकर लोगों में रोष है। वहीं, धर्मांतरण के साजिश के खिलाफ देश के साधु-संत भी आगे आने लगे हैं। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज ने कहा कि मतांतरण के लिए इस्लामिक देशों द्वारा मदरसों की फंडिंग की जा रही है। ये मदरसे लोगों के मन में जहर घोलकर मतांतरण करा रहे हैं। इसकी जाँच कराकर केंद्र सरकार कार्रवाई करे।

उन्होंने कहा कि धर्मांतरण एक अभिशाप के रूप में पनप रहा है। इस पर अंकुश लगाने के लिए देश के सभी मदरसों में तालाबंदी करनी चाहिए। यदि मदरसों को चलाना ही है तो उन्हें सरकारी तंत्र के नियमों के अधीन रखा जाए। साथ ही उन्होंने मदरसों मेें पढ़ाने वाले मौलवियों की संपत्ति की जाँच करने की भी माँग की।

उन्होंने कहा कि देश में जनसंख्या नियंत्रण बेहद जरूरी है। इसके लिए केंद्र सरकार को दो बच्चों से संबंधित कानून शीघ्र लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुई है, इससे संत चिंतित हैं। स्वामी यतींद्रानंद ने कहा कि सनातन हिंदू संस्कृति के अनुरूप देश को नए संविधान की भी आवश्यकता है।

गौरतलब है कि देश में धर्मांतरण को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (यूपी एटीएस) ने दो मौलानाओं- मौलाना मोहम्मद उमर और काजी जहाँगीर को गिरफ्तार किया है, जो देश भर में 1,000 से अधिक लोगों का धर्मांतरण कराने का खुद दावा कर रहे हैं। धर्मांतरण करने वाली महिलाओं की सूची में कुछ ऐसी उच्च शिक्षित महिलाएँ हैं, जो इस्लाम अपनाकर अपना घर तक छोड़ चुकी हैं। इनमें सिविल सर्विस की तैयारी करने वाली ऋचा और दुबई एयरपोर्ट पर नौकरी करने के लिए मुसलमान बनने वाली रिटायर फौजी की बेटी रेणु की कहानी बेहद चौंकाने वाली है।

संदर्भ : OpIndia

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *